सिलीगुड़ी. अभागोली अध्यक्ष मदन तामांग हत्याकांड में सीबीआइ द्वारा चाजर्शीट दाखिल किये जाने के बाद गोजमुमो सुप्रीमो तथा जीटीए चीफ विमल गुरुंग सहित पार्टी के तमाम आला नेताओं में खलबली मची हुई है. गिरफ्तारी की आशंका के बीच सभी नेता कानूनी दाव-पेच जानने में जुटे हुए हैं. इस मुद्दे को लेकर शनिवार को दाजिर्लिंग के सिंगमारी में गोजमुमो केंद्रीय कमेटी की एक बैठक भी हुई थी.
तीन घंटे तक चली बैठक में मदन तामांग हत्याकांड में आरोपी सभी नेताओं के चेहरों पर परेशानी स्पष्ट देखी जा सकती थी. बैठक के बाद विमल गुरुंग ने दाजिर्लिंग के प्रमुख वकीलों के साथ अलग से एक बैठक की. इस बैठक में कानूनी प्रक्रिया अपनाने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया. बैठक में ही गोजमुमो नेता तथा दाजिर्लिंग के प्रख्यात वकील त्रिलोक चंद रोका के नेतृत्व में में वकीलों की एक टीम को कोलकाता तथा गोजमुमो नेताओं की एक अन्य टीम दिल्ली भेजने का निर्णय लिया गया. इस निर्णय के बाद आज त्रिलोक चंद रोका कोलकाता के लिए रवाना हो गये. उनके साथ दाजिर्लिंग के कई जाने माने वकील भी कोलकाता गये हैं.हालांकि कोलकाता में पहले से ही गोजमुमो की एक अन्य वकील ने अन्नपुर्णा गुरुंग ने कानूनी प्रकिया शुरू कर दी है. दूसरी ओर गोजमुमो नेता त्रिलोक देवान, अमर सिंह राई तथा रोहित शर्मा दिल्ली गये हुए हैं.
इनलोगों के केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ भी मिलने की खबर है. हालांकि गोजमुमो का कोई भी नेता इस बारे में कुछ भी नहीं कह रहा है. इस संबंध में जब त्रिलोक चंद रोका से बातचीत की गयी, तो उन्होंने कहा कि जब तक चाजर्शीट की सर्टिफाइड कॉपी उन्हें नहीं मिल जाती, तब तक वह इस मामले में कुछ भी नहीं बोल सकते. इस बीच, गोजमुमो सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गोजमुमो के कुछ नेता सोमवार को कोलकाता में कई नामी-गिरामी वकीलों से भी बातचीत करेंगे. सूत्रों ने बताया कि मदन तामांग हत्याकांड में चाजर्शीट दाखिल होने के बाद तमाम नेताओं पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. गोजमुमो नेताओं को इस बात की आशंका है कि आने वाले दिनों में सीबीआइ कोर्ट में गिरफ्तारी वारंट जारी करने की अपील कर सकती है. कुल 23 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है और विमल गुरुंग, उनकी पत्नी आशा गुरुंग, रोशन गिरि, हर्क बहादुर छेत्री, रमेश आले, प्रदीप प्रधान, विनय तामांग सहित गोजमुमो के तमाम आला नेताओं के नाम शामिल हैं. यदि इन लोगों की गिरफ्तारी होती है, तो गोजमुमो एक तरह से नेतृत्वविहीन हो जायेगा. ऐसे में गोजमुमो के अस्तित्व को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. इस बीच, इस बदली परिस्थिति में विमल गुरुंग ने भाजपा नेता तथा दाजिर्लिंग के सांसद एसएस अहलुवालिया से भी फोन पर बातचीत की है. विमल गुरुंग के निकटवर्ती सूत्रों ने बताया है कि एसएस अहलुवालिया ने इस मुद्दे को लेकर पहाड़ पर किसी भी प्रकार के आंदोलन से मना किया है. सूत्रों ने कहा कि अहलुवालिया ने सलाह दी है कि आंदोलन का रास्ता न अपना कर कानूनी लड़ाई लड़ी जाये. इसी को ध्यान में रखकर फिलहाल गोजमुमो की ओर से दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में आंदोलन किये जाने की कोई संभावना नहीं है. सूत्रों ने बताया कि जिन नेताओं के नाम चाजर्शीट में है, वह सभी अग्रिम जमानत याचिका भी दायर कर सकते हैं. इसी को ध्यान में रखकर गोजमुमो के वकीलों की टीम कोलकाता गयी हुई है.
मुख्यमंत्री को खुश करने का आरोप
गोजमुमो में कई नेता ऐसे भी हैं जिनके मन में चाजर्शीट दायर होने के बाद केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ गुस्सा है. इन नेताओं का कहना है कि इससे पहले जो चाजर्शीट दायकर की गयी थी, उसमें गोजमुमो नेताओं का नाम नहीं था. पूरक चाजर्शीट में गोजमुमो नेताओं के नाम शामिल किये गये हैं. गोजमुमो के ऐसे नेताओं का कहना है कि सीबीआइ केंद्र सरकार के तहत काम करती है. गोजमुमो नेताओं के खिलाफ सीबीआइ ने चाजर्शीट दायर किया है. जाहिर है, केंद्र सरकार की हरी झंडी के बगैर ऐसा कर पाना संभव नहीं था. इन नेताओं का आरोप है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ संपर्क मधुर करने में जुटी हुई है. सारधा चिटफंड मामले की जांच की गति जहां धीमी कर दी गयी है, वहीं ममता बनर्जी भी प्रधानमंत्री के साथ बांग्लादेश सफर पर जा रही हैं. राज्य सरकार के साथ गोजमुमो का संबंध ठीक नहीं है. गोजमुमो नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार ने ममता बनर्जी को खुश करने के लिए विमल गुरुंग तथा अन्य नेताओं की बलि दी है. इसी वजह से गोजमुमो नेताओं के नाम चाजर्शीट में शामिल किये गये हैं.
क्या है मामला
यहां उल्लेखनीय है कि 21 मई 2010 को दार्जिलिंग के अपर क्लबसाइड रोड पर अभागोली के 62वें स्थापना दिवस कार्यक्रम के आयोजन के दौरान सुबह नौ बजे पार्टी अध्यक्ष मदन तामांग की सरेआम हत्या कर दी गयी थी. इस घटना के बाद गोरखालीग के नेता लक्ष्मण प्रधान ने गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग, रोशन गिरि समेत मोरचा के कई नेता के खिलाफ दार्जिलिंग थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. उस दौरन राज्य के तत्कालीन वाम मोरचा सरकार ने सीआइडी जांच के निर्देश दिये थे. तब सीआइडी ने मोरचा नेता निकल तामांग समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया था. 19 अगस्त 2010 को निकल तामांग पिंटेल विलेज से सीआइडी की हिरासत से भाग गया था.
किन नेताओं के खिलाफ चाजर्शीट
इस चार्जशीट में 23 लोगों का नाम दर्ज है. इनमें जीटीए चीफ विमल गुरुंग, मोरचा महासचिव रोशन गिरि, नारी मोरचा सुप्रीमो आशा गुरुंग, कालिम्पोंग के विधायक डॉ हर्क बहादुर छेत्री, जीटीए के चेयरमैन भूपेंद्र प्रधान उर्फ प्रदीप प्रधान, जीटीए के डिप्टी चीफ कर्नल रमेश आले, विनय तामांग, दिनेश सिंह, देवेंद्र शर्मा का नाम उल्लेखनीय है.
पूजा-पाठ में व्यस्त हैं विमल गुरुंग
दार्जिलिंग. गोरखा जनमुक्ति मोरचा द्वारा अलग राज्य गोरखालैंड के लिए जामूने में आयोजित चंडी पूजा में मोरचा सुप्रीमो तथा जीटीए चीफ विमल गुरुंग काफी व्यस्त हैं. वाराणसी से आये विशेष पुरोहितों द्वारा पूजा-पाठ कराया जा रहा है. पूजा में व्यस्त रहने के कारण विमल गुरुंग पार्टी की बैठक में भी शामिल नहीं हुए.