मालदा. आरपीएफ मौत मामले में सीबीआइ जांच की मांग, सड़क पर उतरे हॉकर

मालदा: हॉकर्स-आरपीएफ झड़प मामले की जांच की मांग में रेलवे हॉकर्स सड़क पर उतर गये. मंगलवार को रेलवे हॉकर्स संयुक्त संग्राम कमेटी ने मालदा जिला प्रशासनिक भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया. विभिन्न राजनीतिक दलों ने हॉकरों के आंदोलन का समर्थन किया है. हॉकरों ने मृत आरपीएफ जवान के परिवार के एक सदस्य को नौकरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2015 6:50 AM
मालदा: हॉकर्स-आरपीएफ झड़प मामले की जांच की मांग में रेलवे हॉकर्स सड़क पर उतर गये. मंगलवार को रेलवे हॉकर्स संयुक्त संग्राम कमेटी ने मालदा जिला प्रशासनिक भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया. विभिन्न राजनीतिक दलों ने हॉकरों के आंदोलन का समर्थन किया है.

हॉकरों ने मृत आरपीएफ जवान के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने व क्षतिपूर्ति समेत मामले की सीबीआइ जांच की मांग की. हॉकरों के विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में तृणमूल श्रमिक संगठन के जिलाध्यक्ष मानव बनर्जी, तृणमूल युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अमलान भादुड़ी, माकपा के श्रमिक संगठन सीटू के जिला सचिव प्रणव दास, माकपा सचिव मंडली के सदस्य कौशिक मिश्र, देवज्योति सिन्हा, कांग्रेस श्रमिक संगठन इंटक के कार्यकारी अध्यक्ष काजी नजरुल इसलाम, भाजपा के श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ के नेता सुबोध घोष आदि शामिल हुए. जिलाशासक शरद द्विवेदी ने बताया कि हॉकरों का ज्ञापन राज्य सरकार को भेज दिया गया है.

इस मामले में जिला प्रशासन का कुछ काम नहीं है. जो करना है राज्य स्तर पर ही करना होगा. आज दोपहर एक बजे के आसपास हॉकर्स कमेटी की ओर से डीएम को एक ज्ञापन सौंपा गया. संगठन की ओर से डीएम को सौंपे गये ज्ञापन में हॉकरों को स्थायी रूप से काम करने देने की मांग की गयी है. उन्हें झूठे मामले में नहीं फंसाया जाये. आरपीएफ मौत मामले की सीबीआइ जांच की मांग की गयी. मृत जवान के परिवार को क्षतिपूर्ति के साथ एक सदस्य को नौकरी देनी होगी. रेलवे हॉकर्स संयुक्त संग्राम कमेटी के नेता काजी नजरुल इसलाम ने बताया कि बीते पांच महीने से हॉकर मालदा टाउन स्टेशन पर हॉकरी करते आ रहे हैं. आरपीएफ जवान की मौत के मामले में कोई भी हॉकर जुड़ा नहीं था. दूसरी ओर, भारतीय मजदूर संघ के नेता सुबोध घोष ने बताया कि हॉकरों की रोजी-रोटी का जरिया बंद हो गया है. उन्हें स्टेशन पर हॉकरी करने नहीं दिया जा रहा है. इस बारे में मालदा के डीआरएम राजेश अग्रवाल ने बताया कि सिर्फ लाइसेंस प्राप्त हॉकरों को ही मालदा टाउन स्टेशन में हॉकरी करने दिया जायेगा.

चाय श्रमिकों ने किया प्रदर्शन
जलपाईगुड़ी. पीएफ के करोड़ों रुपये गबन करने का आरोप लगाते हुए बागान मैनेजर का घेराव कर चाय श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन किया. घटना अलीपुरद्वार रायडाक चाय बागान की है. चाय श्रमिकों का कहना है कि बागान के पूर्व मैनेजर मिस्टर सिंह, पीएफ कर्मचारी व दुलाल पाल नामक एक बाहरी शख्स ने मिल कर बीते चार वर्षो में विभिन्न चाय श्रमिकों के नकली पीएफ के कागजात संबंधित विभाग में जमा कर करीब 35 करोड़ रुपये हड़प लिये हैं. चाय श्रमिक यूनियन व बागान प्रबंधन की ओर से आरोपी तीन लोगों के खिलाफ शामुकतला थानों में अलग-अलग शिकायतें दर्ज करायी गयी हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चाय बागान श्रमिकों ने करीब चार घंटे तक बागान के मैनेजर को बंधक बना कर रखा. रायडाक चाय बागान में कुल चाय श्रमिकों की संख्या 1800 है. इनमें स्थायी श्रमिकों की संख्या 1100 है, वहीं अस्थायी श्रमिकों की संख्या 700 है.

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