किशोरों में बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं से कोर्ट चिंतित, राज्य के लिए शुभ संकेत नहीं

कोलकाता. राज्य में किशोर छात्रों में जिस प्रकार से आत्महत्या करने की मानसिकता बढ़ रही है, यह हमारे राज्य के लिए बेहतर संकेत नहीं है. बुधवार को हाइकोर्ट में एक मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश असीम कुमार राय व न्यायाधीश इशान चंद्र दास की डिवीजन बेंच ने यह विचार रखे. गौरतलब है कि सॉल्टलेक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2015 7:59 AM
कोलकाता. राज्य में किशोर छात्रों में जिस प्रकार से आत्महत्या करने की मानसिकता बढ़ रही है, यह हमारे राज्य के लिए बेहतर संकेत नहीं है. बुधवार को हाइकोर्ट में एक मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश असीम कुमार राय व न्यायाधीश इशान चंद्र दास की डिवीजन बेंच ने यह विचार रखे. गौरतलब है कि सॉल्टलेक स्थित केंद्रीय विद्यालय टू की कक्षा 11 की छात्र कमलिका दास ने आत्महत्या कर ली थी. छात्रा के पिता किसलय दास ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी के साथ स्कूल के तीन शिक्षकों ने गलत व्यवहार किया था. जिसकी वजह से वह मानसिक अवसाद गुजर रही थी और इस वजह से उसने आत्महत्या कर ली.

छात्रा के पिता ने केंद्रीय विद्यालय की प्रधानाध्यापिका स्निग्धा दास, क्लास टीचर मुनमुन बनर्जी व हिंदी के शिक्षक वीके सिंह के खिलाफ विधाननगर दक्षिण थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. तीनों शिक्षकों ने हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे हाइकोर्ट ने स्वीकार लिया और उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाने का निर्देश दिया. 20 जनवरी को कमलिका दास ने सॉल्टलेक स्थित एसबीआइ हाउसिंग से कूद कर आत्महत्या कर ली थी.

किसलय दास ने 24 मई को तीनों शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया और कहा कि इन तीन शिक्षकों ने उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया था. हाइकोर्ट ने पुलिस द्वारा जब्त किये गये छात्रा के सभी सामान में से डायरी को पेश करने का निर्देश दिया था, जिसमें उसने छत से कूद कर ही जान देने की बात कही थी. न्यायाधीश ने कहा कि इससे पता चलता है कि वह आत्महत्या करना चाहती थी, लेकिन इस प्रकार की मानसिक चिंता का विषय है.

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