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मरम्मत नहीं, सिर्फ बदले जा रहे प्रमोटर

कोलकाता : बड़ाबाजार के 171/ए महात्मा गांधी रोड पर एक ऐसी इमारत है, जो रोजाना हादसे को दावत दे रही है. तकरीबन दो सौ वर्ष से ज्यादा पुरानी तीन मंजिली इस इमारत में 130 से ज्यादा किरायेदार हैं. इनमें से कुछ इमारत के क्षतिग्रस्त होने के कारण अन्यत्र चले गये हैं और बाकी जान हथेली […]

कोलकाता : बड़ाबाजार के 171/ए महात्मा गांधी रोड पर एक ऐसी इमारत है, जो रोजाना हादसे को दावत दे रही है. तकरीबन दो सौ वर्ष से ज्यादा पुरानी तीन मंजिली इस इमारत में 130 से ज्यादा किरायेदार हैं. इनमें से कुछ इमारत के क्षतिग्रस्त होने के कारण अन्यत्र चले गये हैं और बाकी जान हथेली में डाल कर यहां रहने को मजबूर हैं. किरायेदारों के मुताबिक 2002 के 21 दिसंबर को इस मकान में भयावह आग लगी थी, जिसके बाद से यह मकान काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है.
यहां आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं, जिसमें लोग जख्मी हो जाते हैं. मकान का मालिकाना हक रखनेवाले दिप्तीमल अग्रवाल व कुमुद अग्रवाल से कई बार मकान की रिपेयरिंग का आवेदन किया गया, लेकिन आग लगने के 13 वर्ष गुजर जाने के बाद भी मकान मरम्मत के इंतजार में है.
किरायेदारों की सुरक्षा से खिलवाड़
171/ए एमजी रोड लुधियाना कटरा ट्रेडर्स एंड टेनेंट वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव प्रवीण मेहरोत्र ने बताया कि मकान मालिक रिपेयरिंग के नाम पर किरायेदारों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं. रिपेयरिंग के नाम पर इसका दायित्व वह एक प्रमोटर को देते हैं और फिर चार-पांच वर्ष तक मामला टल जाता है.
कुछ समय गुजर जाने पर पुराने प्रमोटर को हटा कर फिर से इमारत की रिपेयरिंग का एग्रीमेंट नये प्रमोटर से करते हैं. इस तरह से पूरा काम फिर से शुरू होता है और फिर से चार पांच वर्ष आराम से गुजर जाता है. इमारत के 80 प्रतिशत किरायेदार रिपेयरिंग के पक्ष में हैं. मौजूदा समय में इमारत की रिपेयरिंग का दायित्व प्राप्त प्रमोटर के काम से किरायेदार खुश भी हैं, लेकिन मालिक फिर से नये प्रमोटर को लाने की तैयारी में है.
171/ए एमजी रोड लुधियाना कटरा ट्रेडर्स एंड टेनेंट वेलफेयर एसोसिएशन के एक्टिंग प्रेसिडेंट पवन खंडेलवाल ने बताया कि एक सप्ताह पहले ऊंचाई से भारी पत्थर सिर पर गिरने से वह खुद जख्मी हो गये थे. इस मकान की रिपेयरिंग की मांग पर लोगों के साथ मिल कर कई बार आंदोलन, अवरोध और प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री से लेकर निगम के मेयर व पुलिस आयुक्त के पास गुहार लगायी, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा. उनका आरोप है कि मकान की रिपेयरिंग की बात लेकर जो भी किरायेदार दिप्तीमल अग्रवाल के पास जाता है, वह पुलिस के पास उनकी शिकायत कर देते हैं.
क्या कहते हैं मकान मालिक
दिप्तीमल अग्रवाल ने बताया कि वह मकान की मरम्मत के पक्ष में हैं. 2008 में जिस प्रमोटर को मकान बनाने का काम दिया गया है, एग्रीमेंट के मुताबिक उनका समय अब पूरा होनेवाला है और वह अब रुपये नहीं होने का कारण दिख कर मकान की मरम्मत से इनकार कर रहे हैं और एग्रीमेंट में फिर से फेरबदल चाह रहे हैं. उनसे फाइनल बात की जायेगी, अगर रिपेयरिंग के लिए तैयार नहीं होते तो दूसरे प्रमोटर को जिम्मेदारी दी जा सकती है.
मौजूदा प्रमोटर का क्या है कहना
प्रमोटर विक्की सिकरिया का कहना है कि वह इस मकान को बनाने के पक्ष में शुरू से हैं. तीन वर्ष से कुछ किरायेदारों के कागजात मकान मालिक से अब तक उन्हें नहीं मिले. इसके कारण मकान मालिक की इस लापरवाही से मकान की रिपेयरिंग नहीं हो पा रही. किरायेदारों से मिल कर बातें करना, मरम्मत के लिए उन्हें राजी कराना, निगम में बिल्डिंग प्लान जमा देना और फायर लाइसेंस लेना, सभी काम उन्होंने खुद पूरा किया है. आर्थिक बजट भी है. किरायेदारों का भरोसा वह नहीं तोड़ेंगे.

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