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डेंजर जोन में कोलकाता, तीन व चार तीव्रता का भूकंप कर सकता है तबाह

कोलकाता : उप हिमालय क्षेत्र में भूकंप व पश्चिम बंगाल में इसकी संभावनाएं विषय पर भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स (बीसीसी) की ओर से आयोजित में परिचर्चा में आइआइटी खड़गपुर (जियोलॉजी व जियो फिजिक्स) के प्रोफेसर डॉ शंकर कुमार नाथ ने चेतावनी देते हुए कहा कि बंगाल बारूद के ढेर पर है. कोलकाता के महत्वपूर्ण इलाके […]

कोलकाता : उप हिमालय क्षेत्र में भूकंप व पश्चिम बंगाल में इसकी संभावनाएं विषय पर भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स (बीसीसी) की ओर से आयोजित में परिचर्चा में आइआइटी खड़गपुर (जियोलॉजी व जियो फिजिक्स) के प्रोफेसर डॉ शंकर कुमार नाथ ने चेतावनी देते हुए कहा कि बंगाल बारूद के ढेर पर है.
कोलकाता के महत्वपूर्ण इलाके डेंजर जोन में हैं. वक्त रहते अगर सुधार नहीं किया गया, तो स्थिति काफी भयावह होगी. उन्होंने भूकंप से संबंधित अहम जानकारियां देते हुए बताया कि भूकंप को रोकना संभव नहीं है, लेकिन इससे होनेवाले विनाश पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. इसके लिए हम सभी को नियम के अनुरूप इमारतें बनाने की जरूरत है.
प्रोफेसर नाथ ने कहा कि भूकंप से मौत नहीं होती है. मौत बड़ी-बड़ी इमारतों के गिरने से ही होती है. इसलिए बिल्डिंग बनाने के समय बिल्डिंग कोड के तहत उसका निर्माण करना जरूरी होगा. नेपाल में भूकंप की तीव्रता 7.9 के आसपास थी, लेकिन मुङो यह बताने में कोई हैरत नहीं हो रही है कि कोलकाता व आसपास के शहरी इलाकों को तबाह करने के लिए 7.9 तीव्रतावाले भूकंप की जरूरत नहीं है. तीन व चार तीव्रतावाला भूकंप यहां के लिए काफी है. उन्होंने बताया कि एक बिल्डिंग बनाने में पानी की तरह रुपये खर्च किये जाते हैं, लेकिन उसकी मजबूती को लेकर कोई सतर्क नहीं है.
मुङो ताजुब्ब होता है कि सारे नियमों को ताक पर रख कर बिल्डिंग बना दिया जाता है. श्री नाथ ने बताया कि शहरीकरण करने से नहीं होगा, बल्कि यह ध्यान रखना पड़ेगा कि इमारतों का निर्माण कैसे किया जा रहा है.
कार्यक्रम में बतौर अतिथि नेपाल के कौंसुल जनरल चंद्र कुमार घिमिरे, बीसीसी के उपाध्यक्ष एनजी खेतान एवं बीसीसी के सीनियर कमेटी मेंबर सीताराम शर्मा उपस्थित थे. चंद्र कुमार घिमिरे ने नेपाल में भूकंप से हुई तबाही की विस्तृत जानकारी देते हुए पर्यटकों से गुजारिश की कि पर्यटन नेपाल का मुख्य आकर्षण है, इसलिए वे बेखौफ होकर नेपाल जरूर जायें.

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