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भारत-बांग्लादेश के संबंधों को मिलेगा नया मुकाम, मोदी-ममता के भव्य स्वागत की तैयारी
– ममता बनर्जी ढाका पहुंचीं, मोदी आज आयेंगे – भूमि सीमा समेत कई अहम समझौतों पर होंगे हस्ताक्षर ढाका/कोलकाता : बांग्लादेश की पहली यात्रा पर शनिवार को यहां पहुंच रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भव्य स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं. दोनों देशों को इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों के नयी ऊंचाई तक पहुंचने […]
– ममता बनर्जी ढाका पहुंचीं, मोदी आज आयेंगे
– भूमि सीमा समेत कई अहम समझौतों पर होंगे हस्ताक्षर
ढाका/कोलकाता : बांग्लादेश की पहली यात्रा पर शनिवार को यहां पहुंच रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भव्य स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं. दोनों देशों को इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों के नयी ऊंचाई तक पहुंचने तथा आर्थिक व व्यापार संबंधों की संभावना के दोहन करने की उम्मीद है.
मोदी की यात्रा के दौरान रेल, सड़क एवं जल संपर्क बढ़ाने, आर्थिक वार्ताओं को आगे ले जाने और सुरक्षा सहयोग को विस्तार देने पर मुख्य जोर दिया जायेगा. व्यापक जनसंपर्क सुनिश्चित करने के लिए संपर्क बढ़ाने सहित, दोनों पक्षों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये जाने की भी संभावना है. ममता शुक्रवार रात यहां पहुंचीं. वह कोलकाता-ढाका-अगरतला बस सेवा की शुरुआत के लिए समारोह में शामिल होंगी. भूमि सीमा समझौते पर हस्ताक्षर भी करेंगी.
मोदी के दौरे से पहले राजधानी ढाका की सड़कों पर मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के कटआउट्स लगे हैं. इसके अलावा शेख मुजीबुर रहमान व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भी कटआउट्स भी सड़कों पर लगे हैं. पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार रात बांग्लादेश पहुंचा, जिसका प्रत्येक जांच चौकी पर जनप्रतिनिधियों ने भव्य स्वागत किया.
भारत, बांग्लादेश का भाग्य नजदीकी रूप से जुड़ा : पंकज
भारत के पांच राज्यों से सीमा साझा करनेवाले बांग्लादेश का भारत के लिए रणनीतिक महत्व है. प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों के विकास को निस्संदेह बल मिलेगा. दोनों देशों का भाग्य आपस में नजदीकी तौर से जुड़ा है. ये बातें बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त पंकज सरन ने कहीं.
खत्म होगी छींटमहल की समस्या : ममता
कोलकाता/ढाका : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने बांग्लादेश दौरे को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि भारत – बांग्लादेश के बीच 66 वर्षो से चल रहे विवाद का समाधान होगा. दोनों देशों के बीच स्थल सीमांत को लेकर समझौता होगा और वर्षो से चल रही छींटमहल की समस्या अब खत्म हो जायेगी. उन्होंने कहा कि इस समझौते के बाद छींटमहल क्षेत्र में रहनेवाले लोगों की सूची बनायी जायेगी.
फिर यहां रहनेवाले लोगों से ही पूछा जायेगा कि वह किस देश में रहना चाहते हैं. उनकी इच्छा के अनुसार, उनको उस देश की नागरिकता प्रदान की जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समझौते से यहां के करीब 60-70 हजार लोग लाभान्वित होंगे. इन लोगों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार ने 3500 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है. केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न चरणों में यह राशि प्रदान की जायेगी.
उन्होंने कहा कि उनका यह दौरा भले ही कम समय का है, लेकिन इसका महत्व काफी बड़ा है. क्योंकि दोनों देशों के बीच संबंध और भी बेहतर होंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आसनसोल में बंग बंधु म्यूजियम बनाने का फैसला किया है. इसके साथ ही कलकत्ता यूनिवर्सिटी में बंग बंधु के लिए एक सीट आरक्षित की गयी है. राजरहाट-न्यू टाउन में बने वैक्स म्यूजियम में कवि नजरूल की मोम की प्रतिमा रखी जायेगी. गौरतलब है कि शुक्रवार की शाम को 7.20 बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दमदम एयरपोर्ट से रवाना हुईं और रात 8.40 बजे बांग्लादेश पहुंचीं. बांग्लादेश पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री सीधे एयरपोर्ट के पास स्थित रेडिसन होटल पहुंची.
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