एससीसी व टेट के लिए आवेदन शीघ्र

कोलकाता. राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने सोमवार को विधानसभा में घोषणा की कि विद्यालय सेवा आयोग (एससीसी) व टीचर्स ट्रेनिंग टेस्ट (टेट) की परीक्षा के लिए शीघ्र ही आवेदन ग्रहण किये जायेंगे. श्री चटर्जी ने विधानसभा में शिक्षा विभाग के बजट पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2015 7:26 AM
कोलकाता. राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने सोमवार को विधानसभा में घोषणा की कि विद्यालय सेवा आयोग (एससीसी) व टीचर्स ट्रेनिंग टेस्ट (टेट) की परीक्षा के लिए शीघ्र ही आवेदन ग्रहण किये जायेंगे. श्री चटर्जी ने विधानसभा में शिक्षा विभाग के बजट पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति की अंतिम परीक्षा 2012 में हुई थी, लेकिन उसके बाद चुनाव आ गया और फिर न्यायालय में मामला चला गया. इस कारण एसएससी की अगली परीक्षा नहीं हो सकी, लेकिन अब इसकी अनुमति मिली है. शीघ्र ही इस संबंध में अधिसूचना जारी की जायेगी तथा 31 मार्च, 2016 तक नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. पैरा शिक्षकों के संबंध में श्री चटर्जी ने कहा कि राज्य सरकार ने एक लाख से अधिक पैरा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है. आर्थिक स्थिति अच्छी होने पर पैरा शिक्षकों के लिए और भी कदम उठाये जायेंगे.
पहले शिक्षक और रसोइया को खाना होगा मिड डे मील
श्री चटर्जी ने कहा कि मिड डे मील के खराब गुणवत्ता को लेकर शिकायतें मिली हैं. खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के साथ बातचीत हुई है. मिड डे मील के लिए आपूर्ति होने वाले चावल की गुणवत्ता की जांच खाद्य विभाग की चार सदस्यीय कमेटी कर रही है, लेकिन उसके बाद भी इसमें कुछ शिकायतें मिली हैं. उन्होंने कहा कि यह बाध्यता मूलक कर दिया गया है कि स्कूल का एक शिक्षक और खाना बनानेवाला एक व्यक्ति पहले मिड डे मील का खाना खाये. उसके बाद बच्चों को दिया जाये. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी से लेकर एसडीओ को भी कहा गया है कि वे अपने इलाके के स्कूलों में जाकर मिड डे मील खा कर जांच करें. राज्य सरकार शीघ्र ही मिड डे मील देने के लिए बर्तन व ग्लास की गुणवत्ता अच्छी करेगी. यह केंद्र सरकार की योजना है, लेकिन राज्य सरकार इसे अच्छी तरह से लागू करना चाहती है. उन्होंने विधायकों से भी आग्रह किया कि वे मिड डे मील की जांच करें तथा खराब गुणवत्ता होने पर इसकी उन्हें जानकारी दें.
कॉलेजों में पर्याप्त सीट
श्री चटर्जी ने इस आरोप का खंडन किया कि उच्च माध्यमिक की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए छात्रों के कॉलेजों में प्रवेश के लिए पर्याप्त सीट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कॉलेजों में पर्याप्त सीट है, लेकिन समस्या है कि अभिभावक व छात्र केवल नामी गिरामी कॉलेजों में ही प्रवेश लेना चाहते हैं. कुछ नामी गिरामी कॉलेजों में ही भीड़ है.
ज्वायंट के लिए वीडियो काउंसिलिंग का विचार
श्री चटर्जी ने कहा कि राज्य सरकार ज्वायंट के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये काउंसिलिंग शुरू करने की योजना बना रही है. यह फिलहाल प्राथमिक स्तर पर है. उन्होंने कहा कि यह एमबीए में प्रवेश के समय ग्रुप डिस्कशन जैसा होगा. इसमें काउंसिलरों को छात्र के परिचय के संबंध में जानकारी नहीं होगी और इससे अनियमितता में कमी आयेगी.
कॉलेजों में अराजकता बरदाश्त नहीं
श्री चटर्जी ने साफ कहा कि कॉलेजों में अराजकता बरदाश्त नहीं की जायेगी.
श्री चटर्जी ने जयपुरिया कॉलेज में छात्रों के बीच अशांति के विषय पर टिप्पणी करते हुए ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि
अराजकता फैलाने वालों के मामले में यह नहीं देखा जायेगा कि कौन किस पार्टी का है. उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

Next Article

Exit mobile version