पहली ट्रांसजेंडर प्रिंसिपल मानबी ने संभाला पदभार, स्टूडेंट्स ने हमें मां चाहिए कह कर किया स्वागत, देखें वीडियो
देश की पहली ट्रांसजेंडरप्रिंसिपलमानबी बंदोपाध्याय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के कृष्णानगर वूमेन कॉलेज में अपना पदभार ग्रहण कर लिया. उनके पदभार करने के दौरान वहां उपस्थिति प्रोफेसर, लेक्चरर व अन्य लोगों ने उनका गरिमामय स्वागत किया. इस दौरान मानबी थोडी भावुक भी हो गयीं. कॉलेज के टीचर, स्टूडेंट ने उन्हें मिठाइयां […]
देश की पहली ट्रांसजेंडरप्रिंसिपलमानबी बंदोपाध्याय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के कृष्णानगर वूमेन कॉलेज में अपना पदभार ग्रहण कर लिया. उनके पदभार करने के दौरान वहां उपस्थिति प्रोफेसर, लेक्चरर व अन्य लोगों ने उनका गरिमामय स्वागत किया. इस दौरान मानबी थोडी भावुक भी हो गयीं.
कॉलेज के टीचर, स्टूडेंट ने उन्हें मिठाइयां व चॉकलेटस से उनका स्वागत किया. मानबी ने इस दौरान कहा कि यहां तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं रहा. उन्होंने बताया कि कॉलेज सर्विस कमिशन के इंटरव्यू में उनकी योग्यता को पूरी तरह परखा गया. मानबी बंदोपाध्याय ने यह स्पष्ट किया कि उनकी नियुक्ति से उनके लिंग का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि इंटरव्यू में इस बात से फर्क नहीं पडता कि आप महिला हैं या पुरुष हैं या फिर कोई और जेंडर. उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर लोग भी शानदार काम करते हैं.
कॉलेज में उनका स्वागत कुछ इस शब्द से हुआ : हमें मां चाहिए. दरअसल कॉलेज की छात्राएं उनमें अपनी मां का अक्श देख रही हैं और पिछले तीन साल से यहां किसी प्रिंसिपल की तैनाती की नहीं की गयी, इसलिए भी उनकी नियुक्ति खास है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह ट्रांसजेंडर शब्द से अपनी पहचान नहीं स्थापित करना चाहती हैं.
मालूम हो कि 24 परगना जिले के नईहाटी में जन्मी मानबी ने 2003 में ऑपरेशन करवा कर अपना लिंग परिवर्तित करवा लिया था. उन्होंने कहा कि उन्होंने बचपन में ही ट्रांसजेंडर शब्द सुना था और अब तक वह अपनी लडाई खुद लडी हैं. उन्होंने शुरुआत में अपना उपहास उडाये जाने की बात भी याद की.