अब बड़े अक्षरों में दवाओं का परचा लिखेंगे डॉक्टर
नयी दिल्ली. मरीजों को परेशान करनेवाली डॉक्टरांे की अपठनीय लिखावट पर चुटकुले जल्द ही अतीत की बात हो सकती है, क्यांेकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक ऐसी राजपत्रित अधिसूचना लाने की तैयारी मंे है, जिसमें डॉक्टरों से दवाआंे का परचा बड़े अक्षरों में ‘पढ़ने लायक’ लिखने के लिए कहा जायेगा. डॉक्टरांे से दवाआंे के जेनेरिक नाम […]
नयी दिल्ली. मरीजों को परेशान करनेवाली डॉक्टरांे की अपठनीय लिखावट पर चुटकुले जल्द ही अतीत की बात हो सकती है, क्यांेकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक ऐसी राजपत्रित अधिसूचना लाने की तैयारी मंे है, जिसमें डॉक्टरों से दवाआंे का परचा बड़े अक्षरों में ‘पढ़ने लायक’ लिखने के लिए कहा जायेगा. डॉक्टरांे से दवाआंे के जेनेरिक नाम लिखने के लिए भी कहा गया है, ताकि लोग कम दाम में दवाएं ले सकें.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा : स्वास्थ्य मंत्रालय एमसीआइ नियमन के तहत राजपत्रित अधिसूचना लायेगा. इसके तहत, दवा का परचा पठनीय होना चाहिए और तरजीही रूप से यह बड़े अक्षरों मंे लिखा जाये तथा जेनेरिक दवाओं के नाम भी साथ में लिखे जायें. सूत्रांे ने कहा कि मंत्रालय द्वारा एक सप्ताह के भीतर इस तरह की अधिसूचना जारी की जा सकती है. हालांकि अधिकारी ने कहा कि अधिसूचना का पालन नहीं करने पर डॉक्टरों को कोई जुर्माना या सजा नहीं होगी. उन्होंने कहा : एमसीआइ के अन्य नियमन की तरह यह भी डॉक्टरांे के परामर्श होगा. स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने पिछले साल संसद में कुछ सांसदों की इस चिंता को साझा किया था कि दवा के अपठनीय परचे के मरीजों पर गंभीर प्रभाव हो सकते हैं और इससे कुछ मामलांे में मौत भी हो सकती है.