उन्होंने इस संबंध में गृह मंत्री व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की मांग की. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ मानस रंजन भुईंया ने भी समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री के बयान की मांग की. उल्लेखनीय है कि इसके पहले वाममोरचा के शासन में तत्कालीन मंत्री मानव मुखर्जी की पत्नी इशिता मुखर्जी ने चश्मे के बाबत 30 हजार रुपये का बिल जमा दिया था. उस समय विरोधी नेत्री ममता बनर्जी ने घोटाला का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग की थी.
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पश्चिम बंगाल : मंत्री के एक लाख के चश्मे पर बवाल
कोलकाता: राज्य की शरणार्थी पुनर्वास मामलों की मंत्री सावित्री मित्र द्वारा चश्मा व दवा के बाबत राजकोष से एक लाख 10 हजार रुपये का भुगतान किये जाने का विवाद गुरुवार को तूल पकड़ा. मंत्री ने चश्मा के बाबत 99 हजार 880 रुपये तथा दवा के बाबत 10 हजार 198 रुपये का बिल गृह विभाग को […]
कोलकाता: राज्य की शरणार्थी पुनर्वास मामलों की मंत्री सावित्री मित्र द्वारा चश्मा व दवा के बाबत राजकोष से एक लाख 10 हजार रुपये का भुगतान किये जाने का विवाद गुरुवार को तूल पकड़ा. मंत्री ने चश्मा के बाबत 99 हजार 880 रुपये तथा दवा के बाबत 10 हजार 198 रुपये का बिल गृह विभाग को जमा किया था. गृह विभाग की मंजूरी मिलने के बाद उन्हें उक्त राशि का भुगतान सरकारी कोष से किया गया था.
गुरुवार को माकपा के विधायक अनीसुर रहमान ने उल्लेख काल में इस मुद्दे को उठाया. श्री रहमान ने कहा कि पूर्व सरकार के समय से ही यह नीति है कि विधायक व मंत्री को चिकित्सा बाबत पांच हजार रुपये का भुगतान हो सकता है, लेकिन मंत्री को लगभग एक लाख 10 हजार रुपये का भुगतान केवल चश्मा के बाबत किया गया है.
दूसरी ओर, गुरुवार को सावित्री मित्र के चश्मे का विषय सामने आने के बाद सत्तारूढ़ दल में खलबली मच गयी. संसदीय मंत्री व पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी ने इस बाबत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाराजगी जताते हुए तत्काल एक लाख 10 हजार रुपये वापस करने के निर्देश दिये, जिसे पार्थ चटर्जी ने सावित्री मित्र को अवगत करा दिया. सावित्री मित्र ने तत्काल आनन-फानन में यह राशि राज कोष में जमा कर दी, हालांकि बाद में सावित्री मित्र ने संवाददाताओं को बताया कि यह एक चश्मा नहीं, वरन दो चश्मा व दवा का बिल था.
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