यहां अरविंद दे (77), पार्थ दे (45) में से किसके चिकित्सा के लिए वह आये और उस समय फ्लैट के कमरे में मौजूद दो कुत्ते और देबयानी के कंकाल और दरुगध की भनक उन्हें कैसे नहीं हुई. इस सवाल का जवाब जानने के लिए उस डॉक्टर से भी पूछताछ की जायेगी. पुलिस यह भी शक कर रही है कि कहीं दरुगध को खत्म करने के लिए दवा के छिड़काव के लिए डॉक्टर को वहां बुलाया तो नहीं गया. पुलिस ने देबयानी के कमरे से जो किताबें और परची जब्त की है, उसे पढ़ने से पता चलता है कि वह पानी पीकर जी रही थी, पार्थ ने भी इसके पहले पूछताछ में बताया था कि देबयानी की मौत उपवास के कारण हुई थी, देबयानी के कमरे से मिले परची से यह स्पष्ट होता है कि वह पानी पीकर उपवास कर रही थी. पुलिस को देबयानी के कमरे में मिले परची में दो मृत कुत्ते का नाम भी मिला है.
देबयानी ने कुत्ते का नाम रिक्की और जॉन टेरी होने का पत्र में जिक्र किया है. पुलिस का कहना है कि देबयानी के यहां से मिले कागजात और डायरी दिसंबर के मध्य तक लिखे गये थे. कुछ कागजातों में तारीख का भी उसने उल्लेख किया है. देबयानी की मौत को लेकर उठे कुछ सवालों के जवाब उस चिकित्सक से पूछताछ के बाद स्पष्ट होंगे.