कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद राज्य के एक सरकारी कर्मचारी को न्याय मिला है. राज्य सरकार ने पिछले दिनों वित्त विभाग के कर्मचारी संदीपन दासगुप्ता को 22 नवंबर 2013 को राज्य सचिवालय से दार्जिलिंग के जीटीए में तबादला कर दिया गया था. वह विरोधी पार्टी के सरकारी कर्मचारी संगठन नव पर्याय के सदस्य थे, इसलिए उनका यहां से अन्यत्र तबादला किया गयो था. इसके खिलाफ संदीपन दासगुप्ता ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. गुरुवार को हाइकोर्ट की न्यायाधीश निशिथा मात्रे व न्यायाधीश आशा अरोड़ा की बेंच पर मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि इस प्रकार से मामले में विलंब सही नहीं है. दोनों पक्षों को आपस में बात कर समस्या का समाधान करना चाहिए. इसके बाद राज्य सरकार ने हाइकोर्ट को बताया कि संदीपन दासगुप्ता को वहां लोक निर्माण विभाग में स्थानांतरित किया जा रहा है और जो पद उनका यहां था, उसी पद पर उनका तबादला हो रहा है. राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को संदीपन दासगुप्ता ने भी स्वीकार कर लिया और वह वहां जाने के लिए तैयार हो गये. आदेश की कॉपी हाथ में मिलते ही वह दार्जिलिंग के लोक निर्माण विभाग कार्यालय में अपनी सेवा देनी शुरू करेंगे.
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हाइकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सरकारी कर्मचारी को मिली राहत
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद राज्य के एक सरकारी कर्मचारी को न्याय मिला है. राज्य सरकार ने पिछले दिनों वित्त विभाग के कर्मचारी संदीपन दासगुप्ता को 22 नवंबर 2013 को राज्य सचिवालय से दार्जिलिंग के जीटीए में तबादला कर दिया गया था. वह विरोधी पार्टी के सरकारी कर्मचारी संगठन नव पर्याय के सदस्य […]
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