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आडवाणी के बाद अब सोमनाथ चटर्जी ने भी कहा, आपातकाल का डर अब भी बरकरार

कोलकाता : लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि राजनीतिक शत्रुता और प्रतिशोध नये स्तर पर चला गया है व ऐसे में भारतीय राजनीति में आपातकाल का डर बरकरार है. उन्होंने कहा कि नागरिक अधिकारों के निलंबन और आधिकारिक या अनाधिकारिक रूप से आपातकाल लगाये जाने का डर है. यह राज्य और केंद्र […]

कोलकाता : लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि राजनीतिक शत्रुता और प्रतिशोध नये स्तर पर चला गया है व ऐसे में भारतीय राजनीति में आपातकाल का डर बरकरार है. उन्होंने कहा कि नागरिक अधिकारों के निलंबन और आधिकारिक या अनाधिकारिक रूप से आपातकाल लगाये जाने का डर है. यह राज्य और केंद्र दोनों में हो सकता है. उन्होंने कहा कि 1975 से 77 तक आपातकाल के समय से ‘मैं नहीं समझता कि ऐसा कुछ किया गया है, जो इस बात को पुख्ता करे कि नागरिक स्वतंत्रता को दोबारा निलंबित या नष्ट नहीं किया जायेगा.

आडवाणी की आशंका जायज : विमान

कोलकाता. कथित तौर पर भाजपा के आला नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा देश में आपातकालीन स्थिति की आशंका जताये जाने के मुद्दे को राज्य में वाम मोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने जायज ठहराया है. उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सत्ता में रहने के दौरान देश की स्थिति को भलीभांति भांप गये हैं. वामपंथी शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि देश में ऐसी शक्तियों को बल मिल रहा है जो लोकतंत्र को कुचल सकती हैं.

गुरुवार को वाम मोरचा राज्य कमेटी की बैठक हुई थी. बैठक के बाद संवाददाताओं से मुखातिब हुए श्री बसु ने कहा कि बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई है. राज्य की विषम परिस्थिति को लेकर विगत 12 जून से पूरे राज्यभर में वामपंथियों की ओर से सभा, रैली व अन्य कार्यक्रम किये जा रहे हैं. यह कार्यक्रम 26 जून तक किया जाना था, लेकिन इसकी अवधि बढ़ाकर छह जुलाई कर गयी है. उन्होंने कहा कि 25 जून को देश में आपातकालीन स्थिति लगाये जाने के करीब 40 साल पूरे होनेवाले हैं. ऐसे में 25 जून को वामपंथियों की ओर से पूरे राज्य में प्रदर्शन व सभा होगी. उन्होंने कहा कि हालत यह है कि कोलकाता नगर निगम में विपक्षी दलों को दबाने की कोशिश चल रही है. वाम मोरचा के सत्ता में रहने के दौरान विपक्षी दलों को उचित दर्जा दिया गया था, लेकिन अभी ऐसा नहीं है.

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