स्वास्थ्य विभाग ने स्वैच्छिक अवकाशग्रहण का आवेदन खारिज किया, पूर्व निदेशक को भेजा कंपलसरी वेटिंग में

कोलकाता: अपने तबादले के खिलाफ आवाज बुलंद करने के कारण एसएसकेएम अस्पताल के पूर्व निदेशक प्रदीप कुमार मित्रा को कंपलसरी वेटिंग ( अनिवार्य प्रतीक्षा) पर भेज दिया गया. स्वास्थ्य विभाग ने उनके स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति के आवेदन को खारिज कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग में वीआरएस का प्रावधान नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2015 7:08 AM
कोलकाता: अपने तबादले के खिलाफ आवाज बुलंद करने के कारण एसएसकेएम अस्पताल के पूर्व निदेशक प्रदीप कुमार मित्रा को कंपलसरी वेटिंग ( अनिवार्य प्रतीक्षा) पर भेज दिया गया. स्वास्थ्य विभाग ने उनके स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति के आवेदन को खारिज कर दिया है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग में वीआरएस का प्रावधान नहीं है. इसके साथ ही उनके विश्वासी माने जानेवाले एसएसकेएम अस्पताल के सहायक अधीक्षक अनिर्वाण घोषाल का तबादला जलपाईगुड़ी अस्पताल में कर दिया गया. घोषाल पिछले सात वर्षो से इस पद पर थे. उनकी जगह एमआर बांगुर अस्पताल के सेवंती मुखोपाध्याय को सहायक निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है.
एमआर बांगुर अस्पताल में सहायक निदेशक के पद पर कलकत्ता मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की चंद्रिमा मित्रा को नियुक्त किया गया है. दूसरी ओर, प्रदीप कुमार मित्रा का कहना है कि अभी तक उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गयी है.
उल्लेखनीय है कि मित्रा ने अपने तबादले का विरोध किया था और स्वास्थ्य विभाग व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि वीआरएस की उनकी अरजी खारिज कर दी जाती है, तो स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल (सैट) में मामला दायर करेंगे. हाल में एसएसकेएम अस्पताल में तृणमूल कांग्रेस के विधायक व हैवीवेट नेता की सिफारिश पर कुत्ते की डायलिसिस की प्रक्रिया चल रही थी, उनकी आपत्ति के बाद इसे रोक दिया गया है और विभिन्न समाचार पत्रों में यह खबर प्रकाशित होने के बाद सरकार की खिल्ली उड़ी थी.

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