राष्ट्रीय सुरक्षा विद्यालय परियोजना में कूचबिहार व दाजिर्लिंग भी शामिल

कूचबिहार: केंद्र सरकार द्वारा चालू किये गये राष्ट्रीय सुरक्षा विद्यालय परियोजना में पश्चिम बंगाल के कूचबिहार व दाजिर्लिंग जिले को शामिल किया गया है. दोनों जिलों के स्कूलों को सुरक्षित स्कूल बनाने का निर्णय लिया गया है. इसके तहत दोनों जिलों के स्कूलों की बुनियाद विकास की जायेगी. स्कूल भवन की मरम्मत, प्राकृतिक आपदा से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2015 7:23 AM
कूचबिहार: केंद्र सरकार द्वारा चालू किये गये राष्ट्रीय सुरक्षा विद्यालय परियोजना में पश्चिम बंगाल के कूचबिहार व दाजिर्लिंग जिले को शामिल किया गया है. दोनों जिलों के स्कूलों को सुरक्षित स्कूल बनाने का निर्णय लिया गया है. इसके तहत दोनों जिलों के स्कूलों की बुनियाद विकास की जायेगी. स्कूल भवन की मरम्मत, प्राकृतिक आपदा से निबटने के उपाय, सतकर्तामूलक व्यवस्था समेत विभिन्न काम किये जा रहे हैं. स्कूल के बच्चों को प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. भौगोलिक स्थिति के कारण यह दोनों जिला भूकंप व भूस्खलन जोन में आता है.

दोनों जिलों के कई गांव दूर्गम इलाके में स्थित है. कई विद्यालय भी दूर्गम इलाके में हैं. भारी बारिश व भूस्खलन के दौरान दाजिर्लिंग जिले के विभिन्न इलाकों की संपर्क व्यवस्था चरमरा जाती है. कूचबिहार जिले के लगभग सभी इलाका भूकंप जोन में स्थित है. सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों जिलों के स्कूलों में आपदा से निपटने के िलए हरसंभव व्यवस्था के इंतजाम किये जायेंगे. इस परियोजना के तहत सिर्फ विद्यार्थियों को ही नहीं बल्कि शिक्षक व शिक्षा कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा.

प्रशिक्षणप्राप्त शिक्षक अपने अपने स्कूलों की सुरक्षा के लिए काम करेंगे. इस परियोजना को वास्तवायित करने के लिए हाल ही में दोनों जिलों के ब्लॉक व महकमा स्तर पर विभिन्न विद्यालय के शिक्षक व शिक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण देने का काम शुरू हो गया है. इस परियोजना के तहत विद्यालय में अग्निशमन व्यवस्था के साथ विपत्ति के दौरान स्कूल से बाहर निकलने के सारे रास्ते खुले रखने होंगे. समय समय पर अग्नि निर्वापक यंत्रों की जांच करनी होगी. सुरक्षित विद्यालय परियोजना में शामिल कूचबिहार व दाजिर्लिंग जिले को मॉडल जिले के तौर पर चिह्न्ति किया गया है. इन दोनों जिलों में परियोजना का काम संपन्न होते ही अन्य जिलों में भी इस परियोजना को लागू किया जायेगा. राज्य सरकार के आपदा मुकाबला विभाग भी इस परियोजना में काम कर रही है. प्रशिक्षण की सुविधा के लिए एक पुस्तिका प्रकाशित की गयी है.

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