विज्ञापनों में ममता की तसवीर लगाना चाहती है राज्य सरकार
कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सरकारी विज्ञापनों में किसी नेता, मुख्यमंत्री या मंत्री की तसवीर नहीं लग सकती. सिर्फ देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और देश के मुख्य न्यायाधीश की तसवीर का इस्तेमाल किया जा सकता है, वो भी उनकी अनुमति से. सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्देश पर पुनर्विचार के लिए राज्य सरकार ने रिट याचिका […]
चूंकि यह विषय राज्य के सूचना व संस्कृति विभाग का है. इस कारण विभाग को कागजात तैयार करने का निर्देश दिया गया है. हालांकि वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में ग्रीष्मकालीन अवकाश चल रहा है. एक जुलाई को अदालत खुलने के बाद ही इस पर कोई कार्यवाही हो पायेगी.
प्रधानमंत्री जहां देश के प्रशासनिक प्रधान हैं. वहीं, मुख्यमंत्री राज्य के प्रशासनिक प्रधान हैं. इस कारण तसवीर के संबंध में देश व राज्य के लिए अलग-अलग निर्देश क्यों होगा. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों ही जनता के वोट से जीत कर आते हैं और दोनों ही जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसी स्थिति में दोनों के लिए अलग-अलग नियम क्यों होगा. वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि केंद्र सरकार की अपनी कुछ योजनाएं होती हैं. उसी तरह से राज्य सरकार की भी अपनी कुछ जन कल्याणकारी योजनाएं होती है.
ये योजनाएं पृथक-पृथक फंड से संचालित होती हैं, जिनका संचालन क्रमश: केंद्र सरकार व राज्य सरकारों द्वारा अलग-अलग होता है. ऐसी स्थिति में अलग-अलग मापदंड नहीं होना चाहिए. विज्ञापन में केवल तसवीर ही नहीं होती है, वरन निर्देशिका भी होती है, जिससे आम लोगों को सुविधाएं मिल सके.