तृणमूल नेताओं की त्वरित जमानत चर्चा में

पानागढ़. पंचायत चुनावों के दौरान पुलिसकर्मियों को बम मारने और निर्दलीय प्रत्याशियों के घरों में आग लगाने की खुलेआम धमकी देने के आरोपी बीरभूम जिला तृणमूल अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को सिउड़ी सीजीएम अदालत में सोमवार को उनके पहुंचने के महज पांच मिनट में ही अग्रिम जमानत मिल गयी. कोर्ट ने उन्हें एक हजार रुपये के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2015 6:44 AM

पानागढ़. पंचायत चुनावों के दौरान पुलिसकर्मियों को बम मारने और निर्दलीय प्रत्याशियों के घरों में आग लगाने की खुलेआम धमकी देने के आरोपी बीरभूम जिला तृणमूल अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को सिउड़ी सीजीएम अदालत में सोमवार को उनके पहुंचने के महज पांच मिनट में ही अग्रिम जमानत मिल गयी. कोर्ट ने उन्हें एक हजार रुपये के व्यक्तिगत मुचलके पर अग्रिम जमानते दी. यह निर्णय कोर्ट के कई वरीय अधिवक्ताओं के बीच चर्चा का विषय रहा. विरोधी दलों के नेताओं के भी सुर तेज हो गये हैं.

कोर्ट सूत्रों ने बताया कि अनुब्रत की अग्रिम जमानत की सारी तैयारियां पहले से ही कर ली गयी थी. उनके अधिवक्ता ने जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी. उसके बाद मंडल कोर्ट में पहुंचे. उनके पहुंचने के पांच मिनट के भीतर ही जमानत अर्जी पर सुनवाई शुरू हो गयी.

कोर्ट में सरकारी वकील भी नहीं पहुंचे थे. इस कारण पुलिस के स्तर से जनसभा में उनके द्वारा दी गयी धमकी और विरोधियों के घर फूंकने के रिकार्डेड आवाज की रिपोर्ट कोर्ट में पेश न हो सकी. निचली अदालत ने अनुब्रत को आगामी सात जुलाई को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया था. लेकिन इसके पूर्व ही सोमवार को अनुब्रत मंडल को अग्रिम जमानत मिल गयी. 17 जुलाई, 2013 को बीरभूम जिले के पाड़ुई में जनसभा को संबोधित करते हुए मंडल ने पुलिस को बम मारने और विरोधी दलों के नेताओं के घरों को आग लगाकर फूंकने की धमकी भरा भाषण दिया था. इसके बाद ही विरोधी नेता सागर घोष की नृशंस हत्या तथा कई पुलिस ऑफिसरों पर बमबाजी की घटना भी घटी. राजनीतिक दबाव के बाद पुलिस ने अनुब्रत के खिलाफ मामला दायर किया. एक सप्ताह पूर्व ही पुलिस ने सिउड़ी सीजीएम कोर्ट में अनुब्रत के भड़काऊ वक्तव्य की रिपोर्ट कोर्ट में जमा की थी. कोर्ट ने अनुब्रत को आगामी सात जुलाई को हाजिर होने का निर्देश भी दिया. अनुब्रत द्वारा अग्रिम जमानत की अर्जी दी गयी.

माकपा नेता व पूर्व सांसद सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि तृणमूल सरकार में सब कुछ संभव है. घर जाकर भी जमानत दी जा सकती थी. राज्य में लोकतंत्र नहीं, राजतंत्र की सरकार चल रही है. थाना उड़ाने वाले को भी जमानत मिल रही. पुलिस को बम मारने वाले को भी जमानत मिल रही है. भाजपा नेता व विधायक शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ही कानून व्यवस्था धराशाही हो गयी है. बीरभूम में तो पुलिस तृणमूल के कार्यकर्ता बन गयी है.
कांग्रेस विधायक के खिलाफ प्राथमिकी
पानागढ़ मुर्शिदाबाद जिले के खड़ग्राम के कांग्रेस विधायक आशीष मजीति के खिलाफ जनसभा में पुलिस को कुकुर (कुत्ता) कहकर संबोधित करने के मामले में बीरभूम जिले की माड़ग्राम थाना पुलिस ने स्वत: हस्तक्षेप करते हुए उक्त विधायक के खिलाफ विभिन्न धारा लगा कर मामला दायर किया. दायर एफआइआर में विभिन्न धाराओं के साथ गैर जमानती धारा भी शामिल है. रविवार को माड़ग्राम में कांग्रेस की एक जनसभा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी समेत विधायक आशीष भी पहुंचे थे. अपने वक्तव्य के दौरान ही आशीष ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए पुलिस की भूमिका पर प्रश्न उठाते हुए कुत्ता कह संबोधित किया.
अनुब्रत मंडल को पांच मिनट में जमानत मिलने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन के साथ-साथ न्यायपालिका पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की दबंगई का प्रभाव झलक रहा है. यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है. -राहुल सिन्हा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
तापस को भी मिली जमानत
तृणमूल कांग्रेस सांसद और अभिनेता तापस पाल को नदिया जिला अदालत ने सोमवार को जमानत दे दी. सांसद पर पिछले साल विपक्षी दलों के समर्थकांे और महिलाओं के खिलाफ कथित रूप से ‘गोली मारने और बलात्कार’ संबंधी टिप्पणी करने का आरोप है. कार्यवाहक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शुभाजीत बसु ने जमानत दे दी. सीआइडी ने 26 मई को इस मामले में आरोपपत्र दायर किया था. समाचार चैनलों ने पिछले साल 30 जून को पाल की टिप्पणियां दिखाई थी. नकाशीपाड़ा थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी थी.

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