उन्होंने कहा कि यह सिविक पुलिस, कोलकाता पुलिस के साथ मिल कर विभिन्न क्षेत्रों में ट्रैफिक का काम देख रहे हैं और यह बेहतर कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब इन सिविक पुलिस को भी होम गार्ड की भांति प्रत्येक वर्ष 14 दिनों की वैतनिक छुट्टी प्रदान की जायेगी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह घोषणा करते हुए कहा कि योग्य सिविक पुलिस को उनके योग्यता के अनुसार होम गार्ड के रूप में मान्यता भी दी जायेगी, लेकिन ऐसा कब होगा, इसके बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी.
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दो लाख लोगों को मिलेगा रोजगार : सीएम
कोलकाता: विधानसभा चुनाव के पहले राज्य के लोगों को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हर ओर से तैयार हैं. मंगलवार को तीन दिवसीय जिला दौरे पर रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व राज्य सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि […]
कोलकाता: विधानसभा चुनाव के पहले राज्य के लोगों को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हर ओर से तैयार हैं. मंगलवार को तीन दिवसीय जिला दौरे पर रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व राज्य सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की कैबिनेट की बैठक में दो महत्वपूर्ण फैसले लिये गये हैं, पहला : राज्य सरकार ने अगले कुछ महीने के अंदर यहां दो लाख लोगों को रोजगार देने की योजना बनायी है. राज्य के विभिन्न विभागों में यह नौकरियां दी जायेंगी. इसमें शिक्षक के पद पर 70 हजार, ग्रुप सी 60 हजार व ग्रुप डी के पद पर 60 हजार लोगों की नियुक्तियां की जायेंगी. इसके साथ ही राज्य सरकार ने यहां तैनात सिविक पुलिस के वेतन को 2800 रुपये से बढ़ा कर 5500 रुपये प्रति माह करने का फैसला किया है.
इस वर्ष के अंत तक विभिन्न सेक्टर में 23 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि दो लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने के साथ ही राज्य सरकार ने इस वर्ष विभिन्न सेक्टर में 23 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराने का फैसला किया है. पश्चिम बंगाल सरकार ने कई विभागों को लेकर एक योजना बनायी है, इसमें स्वनिर्भर ग्रुप, तकनीकी शिक्षा, पशुपालन विभाग, पंचायत व ग्रामीण विकास, आदिवासी विकास, एमएसएमई सेक्टर व मत्स्य विभाग को शामिल किया गया है. केंद्र सरकार ने 2022 तक पांच करोड़ दक्ष श्रमिक तैयार करने के लिए 995 करोड़ रुपये का राहत कोष बनाया है. इस योजना का लाभ उठाते हुए राज्य सरकार भी लोगों को प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाने का काम करेगी. गैर प्रशिक्षण प्राप्त श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर नौकरी के लायक बनाया जायेगा. गरीबों के लिए दुकान व स्टॉल बनाये जायेंगे. पोल्ट्री फार्मिग व मछली पालन, मांस बेचने के लिए काउंटर बनाये जायेंगे. इसके साथ ही हस्त शिल्प के माध्यम से सामग्री बेचने के लिए दुकान बनाये जायेंगे, जहां लोगों को रोजगार दिया जायेगा.
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