13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संसदीय सचिव को दी जानेवाली सभी सुविधाएं बंद

कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही राज्य सरकार ने संसदीय सचिवों को दी जानेवाली सुविधाओं को बंद करने का निर्देश दिया है. गुरुवार को इस संबंध में राज्य सचिवालय से नयी निर्देशिका जारी की गयी है. इस निर्देश के अनुसार, संसदीय सचिवों को दिया जानेवाला भत्ता, आर्थिक सुविधा बंद कर दी […]

कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही राज्य सरकार ने संसदीय सचिवों को दी जानेवाली सुविधाओं को बंद करने का निर्देश दिया है. गुरुवार को इस संबंध में राज्य सचिवालय से नयी निर्देशिका जारी की गयी है. इस निर्देश के अनुसार, संसदीय सचिवों को दिया जानेवाला भत्ता, आर्थिक सुविधा बंद कर दी गयी है, इसके साथ ही उनके द्वारा चेक जारी करने का अधिकार को भी छीन लिया गया है. अब इन संसदीय सचिवों को अब सिर्फ विधायक के रूप में जो सुविधा मिलनी चाहिए, वही सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. गौरतलब है कि कलकत्ता हाइकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा बनाये गये ‘ वेस्ट बंगाल पार्लियामेंट्री सिक्रेटरी एलायंस सैलरी एंड मिसलेनियस एक्सपेंडिचर एक्ट – 2013 ‘ कानून को असंवैधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया है. वर्ष 2013 में राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में मंत्रियों के साथ काम काज में सहायता करने के लिए 25 संसदीय सचिवों की नियुक्ति की थी. लेकिन संसदीय एक्ट 164 (1ए) के अनुसार, किसी भी राज्य में वहां के कुल विधायक संख्या में से सिर्फ 15 प्रतिशत को ही मंत्री बनाया जा सकता है और उनको मंत्री की सभी सुविधाएं प्रदान की जा सकती हैं. लेकिन राज्य सरकार में इसकी संख्या इससे अधिक है. क्योंकि राज्य सरकार ने परिषदीय सचिवों की नियुक्ति की है और इनको भी राज्य मंत्री की भांति सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जो कि संविधान के खिलाफ है. गौरतलब है कि हाइकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही राज्य सरकार ने संसदीय सचिवों को दिये जानेवाली सुविधाओं को बंद करने का निर्देश दिया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें