कोलकाता. भगवान राम भक्त सबरी के आश्रम में पधारते हैं. भक्त सबरी उनका स्वागत करती हंै. भगवान राम उन्हें नवधा भक्ति के बारे में बताते हैं. उन्होंने कहा कि दूसरी भक्ति भगवान की कथा को सुनना है. कथा में हमारी रुचि होनी चाहिए. बिना रुचि के कथा फलदायी नहीं होती है. रामचरित मानस में जिसने भी कथा को सुना, उसे भगवान ने दर्शन दिये. भगवान शिव रामचरित को अपने हृदय में बसा के रखे हैं. उसके बावजूद वह कथा सुनने के लिए अगस्त ऋषि के आश्रम में जाते हैं. कथा विभीषण ने सुनी तो उन्हें भी भगवान राम का दर्शन हुआ. अगर बिना कथा सुने हम भगवान का दर्शन करने जायेंगे तो संशयग्रस्त हो जायेंगे. इसका भी रामचरित मानस में उदाहरण हैं. यह बातें जय माता दी जागरण समिति के तत्वावधान में रामकथा पर प्रवचन करते हुए कथा व्यास राकेश पांडेय ने श्रीकृष्ण जायसवाल लोहा सोसाइटी प्रांगण में कहीं.
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कथा से भगवान का दर्शन : राकेश पांडेय
कोलकाता. भगवान राम भक्त सबरी के आश्रम में पधारते हैं. भक्त सबरी उनका स्वागत करती हंै. भगवान राम उन्हें नवधा भक्ति के बारे में बताते हैं. उन्होंने कहा कि दूसरी भक्ति भगवान की कथा को सुनना है. कथा में हमारी रुचि होनी चाहिए. बिना रुचि के कथा फलदायी नहीं होती है. रामचरित मानस में जिसने […]
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