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दार्जिलिंग में बनेंगे चार नये हाइड्रो प्रोजेक्ट

दार्जिलिंग के तीस्ता बेसिन में होगा निर्माण 293 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादनडब्ल्यूबीएसइडीसीएल व एनएचपीसी के बीच हुआ समझौताकोलकाता. उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग में बिजली की समस्या को दूर करने के साथ-साथ नदियों के पानी पर नियंत्रण बनाये रखने के लिए राज्य सरकार ने वहां चार नये हाइड्रो प्रोजेक्ट बनाने का फैसला किया है. इसके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2015 6:04 PM

दार्जिलिंग के तीस्ता बेसिन में होगा निर्माण 293 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादनडब्ल्यूबीएसइडीसीएल व एनएचपीसी के बीच हुआ समझौताकोलकाता. उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग में बिजली की समस्या को दूर करने के साथ-साथ नदियों के पानी पर नियंत्रण बनाये रखने के लिए राज्य सरकार ने वहां चार नये हाइड्रो प्रोजेक्ट बनाने का फैसला किया है. इसके लिए राज्य के पश्चिम बंगाल राज्य बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (डब्ल्यूबीएसइडीसीएल) ने केंद्रीय संस्थान एनएचपीसी के साथ समझौता किया है. इन चारों परियाजनाओं का निर्माण दार्जिलिंग के तीस्ता बेसिन में होगा, जहां कुल 293 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जायेगा. यह प्रोजेक्ट तीस्ता लो डैम – 5 में 80 मेगावाट, तीस्ता लो डैम 1 व 2 संयुक्त रूप से 81 मेगावाट, तीस्ता इंटरमीटिएड स्टेज 84 मेगावाट व रम्माम स्टेज – 1 48 मेगावाट की उत्पादन क्षमता वाले होंगे. इन प्रोजेक्टों को एनएचपीसी लिमिटेड द्वारा बिल्ड, आउन, ऑपरेट एंड मेंटेन (बीओओएम) के आधार पर विकसित किया जायेगा.इस समझौते पर राज्य की बिजली विभाग की अतिरिक्त सचिव साश्वती बनर्जी व डब्ल्यूबीएसइडीसीएल के निदेशक (जेनरेशन) देवाशीष दत्ता और एनएचपीसी की ओर से कार्यपालक निदेशक (योजना) एके सरकार ने हस्ताक्षर किये. इससे उत्तर बंगाल में बिजली की समस्या दूर हो जायेगी और साथ ही यहां के आधारभूत व सामाजिक-आर्थिक विकास में भी यह काफी मददगार साबित होगी. गौरतलब है कि इससे पहले एनएचपीसी दार्जिलिंग के रांबी के पास वर्ष 2013 में 132 मेगावाट क्षमता वाली जल विद्युत केंद्र की स्थापना कर चुकी है और फिलहाल कालीझोड़ा में 160 मेगावाट क्षमता वाली हाइड्रो प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जारी है, जो जून 2016 तक खत्म हो जायेगा.

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