माओवाद छत्तीसगढ़ के उद्योगों के विकास को नहीं कर सकता प्रभावित : अमर अग्रवाल
कोलकाता. छत्तीसगढ़ में माओवाद की समस्या है. राज्य के सीमावर्ती इलाकों में कुछ समस्याएं हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि पूरा राज्य ही माओवाद प्रभावित है. माओवाद की समस्या के निबटारे के लिए राज्य और केंद्रीय सरकारें संयुक्त रूप से प्रयासरत हैं. छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को माओवाद प्रभावित नहीं कर सकता है. […]
कोलकाता. छत्तीसगढ़ में माओवाद की समस्या है. राज्य के सीमावर्ती इलाकों में कुछ समस्याएं हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि पूरा राज्य ही माओवाद प्रभावित है. माओवाद की समस्या के निबटारे के लिए राज्य और केंद्रीय सरकारें संयुक्त रूप से प्रयासरत हैं. छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को माओवाद प्रभावित नहीं कर सकता है. ये बातें छत्तीसगढ़ के वाणिज्य मंत्री अमर अग्रवाल ने मंगलवार को कहीं. वह महानगर में छत्तीसगढ़ सरकार, सीएसआइडीसी व इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा संयुक्त रूप से छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा दिये जाने संबंधी एक कार्यक्रम के दौरान अपना वक्तव्य रख रहे थे. इस मौके पर इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स के राजीव सिंह समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे. मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास का अनुकूल माहौल है. यहां निवेश का रास्ता खुला हुआ है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में उद्योगों के लिए भूमि अधिग्रहण की कोई समस्या नहीं है. मौजूदा राज्य सरकार किसानों से सीधे तौर पर संपर्क स्थापित करती है. मैनुफैक्चर सेक्टर किसी भी राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है. कृषि और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के संयुक्त रूप से विकास को बढ़ावा देने से राज्य का आर्थिक विकास भी संभव होता है. छत्तीसगढ़ की भौगोलिक दशा का अच्छा होना बंगाल समेत अन्य राज्यों के निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.