राष्ट्रहित को दें तरहजीह
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट के दीक्षांत समारोह में बोले प्रवर्तन निदेशालय के निदेशककोलकाता. चार्टर्ड एकाउंटेंट का पेशा सिर्फ जीविका के लिए नहीं, वरन राष्ट्रहित की महती जिम्मेवारी के साथ जुड़ा है. पिछले दशक में हुई तमाम आतंकवादी घटनाओं के साथ मनी लाउड्रिंग भी जुड़ी हुई है. हाल ही में राज्य के शारदा घोटाले में भी […]
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट के दीक्षांत समारोह में बोले प्रवर्तन निदेशालय के निदेशककोलकाता. चार्टर्ड एकाउंटेंट का पेशा सिर्फ जीविका के लिए नहीं, वरन राष्ट्रहित की महती जिम्मेवारी के साथ जुड़ा है. पिछले दशक में हुई तमाम आतंकवादी घटनाओं के साथ मनी लाउड्रिंग भी जुड़ी हुई है. हाल ही में राज्य के शारदा घोटाले में भी अंकेक्षकों की भूमिका संदेह के घेरे में रही. ये बातें रविवार को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट के पूर्वी क्षेत्र की ओर से आयोजित दीक्षांत समारोह में प्रवर्तन निदेशालय के विशेष निदेशक योगेश गुप्ता ने कहीं.उन्होंने कहा कि इस पेशे का काफी महत्व है. आगामी दिनों में सरकार एक प्रस्ताव पास करनेवाली है, जिसमें रेलवे सुधार अधिनियमों को लागू करने से पहले चार्टर्ड एकाउंटेंट की मंजूरी आवश्यक होगी. इसके अलावा नये धन शोधन विधेयक की धारा 54 में चार्टर्ड एकाउंटेंट की भूमिका रेखांकित की गयी है. इसलिए इस पेशे में आनेवाले छात्रों को काफी सावधानी के साथ काम करने की आवश्यकता है. इस समारोह में पूर्वी क्षेत्र से प्रथम स्थान प्राप्त करनेवाले गौरव जैन को भी सम्मानित किया गया. इसके अलावा समारोह के अन्य वक्ताओं में आइसीएआइ के अध्यक्ष मनोज फडणीस, सेंट्रल काउंसिल मेंबर वी मुरली, सुमंत्रा गुहा तथा अभिजीत बनर्जी, इआइआरसी के चेयरमैन प्रमोद दयाल रूंगटा, पूर्व अध्यक्ष मनीष गोयल, सुशील गोयल, सुभाष सराफ,रंजीत अग्रवाल आदि शामिल थे.