खुद को सर्वशक्तिमान समझना महामूर्खता

हावड़ा. जो अपने को सर्वशक्तिमान समझता है, उससे बड़ा मूर्ख कोई नहीं नही सकता. ईश्वर उसकी इस धारणा को निकाल कर उस पर कृपा करते हैं. सर्वशिक्तमान होते हुए भी कृष्ण ने कभी भी इसका मान किसी को भी नही होने दिया. ये उद्गार सलिकया के जीटी रोड स्थित कृष्ण भवन में चल रही श्रीमद् […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2015 1:41 AM
हावड़ा. जो अपने को सर्वशक्तिमान समझता है, उससे बड़ा मूर्ख कोई नहीं नही सकता. ईश्वर उसकी इस धारणा को निकाल कर उस पर कृपा करते हैं. सर्वशिक्तमान होते हुए भी कृष्ण ने कभी भी इसका मान किसी को भी नही होने दिया.
ये उद्गार सलिकया के जीटी रोड स्थित कृष्ण भवन में चल रही श्रीमद् भागत कथा के पंचम दिवस श्री कृष्ण बाल लीला, ब्रह्माजी का मोह एवं ग¨वर्धन धारण की कथा सुनाते हुए व्यास पीठ से संत श्री बालक दास जी महाराज ने व्यक्त किये . महाराजश्री ने कहा कि हमें व्यर्थ के दंभ से बचना चाहिए. जब देवराज इंद्र का अभिमान नहीं टिका, तो फिर हम साधारण से मनुष्यों की तो बिसात ही क्या है. उन्होंने ब्रज की कन्याओं एवं वृजभान नंदनी राधेरानी के साथ उनके धार्मिक संबंधों का वर्णन किया. संतश्री ने कहा कि पर्वतों के द्वारा मानव का जो उपकार होता है, उसकी अनदेखी नही होनी चाहिए. गोवर्धन पर्वत के द्वारा इसकी महता का हमें दर्शन कराया गया है.
कथा प्रारंभ से पूर्व समिति के सचिव धर्मपाल प्रेमराजका ने बताया कि यह आयोजन श्री ध्रुव भक्ति सेवा आश्रम ट्रस्ट ऋ षिकेश द्वारा वृद्ध एवं असहाय संतों एवं रोगियों से संबद्ध श्री ध्रुव चैरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल के निर्माण हेतु श्री रामकृष्ण सेवा समिति की ओर से किया गया है. हॉस्पिटल के लिए करीब 90 कट्ठा जमीन का पंजीकरण हो गया है एवं आवश्यक कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात अतिशीघ्र इसका निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जायेगा.

आज के यजमान मंगतुराम झांझड़िया, दिनेश कुमार, संजय कुमार अग्रवाल एवं विनीत कसेरा ने व्यास पीठ का पूजन किया . बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि कथा के छठे दिन 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे से सायं 6.30 बजे तक रास लीला, गोपी उद्धव संवाद व रुक्मिणी विवाह के प्रसंग पर महाराजश्री कथा प्रवचन करेंगे.

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