जमीन का जबरन अधिग्रहण नहीं: ममता

बर्दवान/ पानागढ़ . मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को भूमि लैंड बैंक के माध्यम से उपलब्ध करायी जायेगी. उन्होंने साफ कहा कि राज्य सरकार किसी भी किसान से जबरन जमीन का अधिग्रहण नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि भूमि मालिकों की सहमति व उचित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2015 2:28 AM
बर्दवान/ पानागढ़ . मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को भूमि लैंड बैंक के माध्यम से उपलब्ध करायी जायेगी. उन्होंने साफ कहा कि राज्य सरकार किसी भी किसान से जबरन जमीन का अधिग्रहण नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि भूमि मालिकों की सहमति व उचित मुआवजा भुगतान के बाद ही राज्य सरकार किसी की जमीन का अधिग्रहण करेगी.
बर्दवान में बुधवार को प्रशासनिक बैठक में विकास योजनाओं की समीक्षा करने के बाद उन्होंने दावा किया कि लैंड बैंक के माध्यम से 14 हजार एक ड़भूमि निवेशकों को उपलब्ध करायी गयी है. उन्होंने स्मार्ट बर्दवान मोबाइल एप्प का उदघाटन किया. जिलाशासक डॉ सौमित्र मोहन ने उन्हें जिले को मिला आइएसओ सर्टिफिकेट सौंपा. बैठक में राज्य सरकार के 38 मंत्री, सचिव एवं विशेष सचिव, राज्य के 20 विश्वविद्यालयों के कुलपति, जिले के समस्त प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी उपस्थित थे. उन्होंने आम सभा को भी संबोधित किया. गौरतलब है कि बुधवार को ही केंद्र के नये भूमि विधेयक पर विचार करने के लिए नयी दिल्ली में नीति आयोग संचालन परिषद की बैठक बुलायी गयी थी, पर इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिरकत नहीं की. परोक्ष रूप से मोदी सरकार के भूमि विधेयक को खारिज करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार पहले से ही एक ‘वैकल्पिक’ भूमि अधिग्रहण नीति का पालन कर रह रही है. ममता ने कहा कि उनके राज्य ने एक वैकल्पिक भूमि नीति अपना रखी है क्योंकि केंद्र की ओर से लायी जाने वाली भूमि अधिग्रहण नीति के लिए अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं किया जा सकता.
सुश्री बनर्जी ने कहा कि सिंगूर में भूमि अधिग्रहण पद्धति में ही त्रुटि थी. इसके कारण वहां जनाक्रोश उभरा. राज्य सरकार किसी से भी जबरन जमीन नहीं लेगी. भूमि मालिकों के समक्ष प्रस्ताव रखा जायेगा. उनकी सहमति होने पर उनकी जमीन अधिग्रहित कर लैंड बैंक में शामिल की जायेगी. इस लैंड बैंक से भूमि का आवंटन होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति में भूमि मालिकों की इच्छा का ख्याल नहीं रखा गया है. जबरन भूमि लेने का प्रावधान है. इसी कारण वे इसका विरोध कर रही हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश का माहौल है तथा निवेशकों ने दिलचस्पी दिखायी है. उन्होंने कहा कि निवेश के साथ ही आम जनता के हितों का ध्यान रखना अवश्यक है.
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के साथ राजनीतिक भेदभाव कर केंद्र से पर्याप्त धन राशि उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. सूद भुगतान में ही अधिक राशि खर्च हो रही है. इसके बाद भी विकास गति तेज है. पांच पुलिस कमिश्नरेट बने हैं. 41 मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल तैयार होंगे. उचित मूल्य की सौ दवा दुकानें खोली जायेंगी. प्रत्येक जिले में रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा. उन्होंने राज्य में अशांति के आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया. पहाड़ से जंगल महल तक शांति बहाल है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दो हजार करोड़ रुपये देकर बिजनेस कॉरीडोर तैयार करेगी. बांग्लादेश और भूटान जैसे पड़ोसी देशों से भी व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. सरकारी नौकरियों में आदिवासियों की नियुक्ति के लिए अभियान चलेगा. कन्याश्री योजना से 22 लाख छात्रएं जुड़ी हैं. प्रत्येक इलाके में सरकारी स्तर से भूमि उपलब्ध करा बैंक शाखा खोली जायेगी. जहां बैंक उपलब्ध नहीं होंगे, मोबाइल बैंकिंग सेवा चालू की जायेगी. विभिन्न विभागों में ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए सहायता केंद्र खोले जायेंगे. 3.20 करोड़ गरीबों को तीन रुपये प्रति किलो की दर पर चावल उपलब्ध हो रहा है. 286 शिशु स्वास्थ्य केंद्र चालू होंगे. मुख्यमंत्री बनने के बाद विभिन्न जिलों में होनेवाली उनकी यह सौंवी प्रशासनिक बैठक थी. उन्होंने 56 योजनाओं का शिलान्यास किया. साथ ही 78.32 करोड़ की लागत से पूरी हुई 51 योजनाओं का उदघाटन किया. जिले के समस्त ब्लॉक अधिकारी, थाना प्रभारी, एसडीओ, प्रशासनिक अधिकारी, पंचायत समिति अध्यक्ष , विधायक, सांसद, जिला स्तरीय तृणमूल नेता आदि उपस्थित थे.
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