बड़बोलापन : अभिषेक ने खड़ा किया नया विवाद कहा, ममता सरकार ने किशनजी को किया ढेर
बेलपहाड़ी : अखिल भारतीय तृणमूल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि ममता की सरकार ने वर्ष 2011 में खूंखार माओवादी नेता किशनजी को मार गिराया था. बनर्जी ने शुक्रवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बेलपहाड़ी में एक […]
बेलपहाड़ी : अखिल भारतीय तृणमूल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि ममता की सरकार ने वर्ष 2011 में खूंखार माओवादी नेता किशनजी को मार गिराया था.
बनर्जी ने शुक्रवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बेलपहाड़ी में एक जनसभा में कहा, ‘किशनजी को ढेर कर ममता बनर्जी सरकार ने साबित कर दिया कि भविष्य में जंगलमहल में अंतिम फैसला जनता करेगी.’ बेलपहाड़ी कभी माओवादियों के गढ़ रहे जंगलमहल क्षेत्र के मध्य में स्थित है. बनर्जी, जो कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद भी हैं, ने कहा कि माओवादी नेता किशनजी और अन्य माओवादियों के दिन अब खत्म हो गये हैं. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार ने सुनिश्चित किया है कि जंगलमहल क्षेत्र में अंतिम फैसला जनता करे.
उन्होंने कहा, ‘पहले लोग माओवादियों के आतंक के कारण अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकते थे. समाचार पत्रों में प्राय: हत्या की खबरें छपी रहती थीं. आज यहां शांति है. पिछले चार साल में कोई माओवादी नहीं आया. तब से विकास की ओर ध्यान केंद्रित किया गया है.’ यह टिप्पणी मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में किये गये उस दावे के विपरीत है, जिसमें ममता बनर्जी ने कहा था कि किशनजी को ‘पूर्व नियोजित ढंग ’ से नहीं मारा गया था.
माकपा ने मांगा स्पष्टीकरण
माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम ने ममता से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कहा, ‘अभिषेक बनर्जी ने सच्चाई उजागर कर दी है. ममता जब विपक्ष में थीं, उसने माओवादी नेता आजाद को मारे जाने के मामले में जांच की मांग की थी.
जब सत्ता में आ गयीं, तो उन्होंने खुद ही किशनजी को मारने के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया. सरकार किसी को नहीं मार सकती. किसी को सजा देने के लिए तय कानूनी प्रक्रिया है.’
मानवाधिकार कार्यकर्ता रंजीत सुर ने कहा कि अभिषेक के बयान से साबित हो गया कि ‘योजनाबद्ध तरीके से उसकी हत्या की गयी.’
पहले भी दिया विवादित बयान
युवा सांसद ने पिछले महीने तृणमूल कांग्रेस प्रशासन को चुनौती देने की हिमाकत करनेवालों को धमकी देते हुए कहा था कि उनकी आंखें निकाल ली जायेंगी और हाथ काट दिये जायेंगे. इस मामले में भाजपा ने अभिषेक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी.