इंजीनियरिंग की सीट खाली होने से पार्थ चिंतित

कोलकाता: राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में कई हजार सीटें अभी भी खाली हैं. खाली सीटों की संख्या अधिक होने के कारण राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने चिंता व्यक्त की है. गुरुवार को उन्होंने बताया कि राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में करीब 15 हजार सीटें खाली हैं. इन सीटों पर भरती के लिए एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2015 1:21 AM

कोलकाता: राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में कई हजार सीटें अभी भी खाली हैं. खाली सीटों की संख्या अधिक होने के कारण राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने चिंता व्यक्त की है. गुरुवार को उन्होंने बताया कि राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में करीब 15 हजार सीटें खाली हैं. इन सीटों पर भरती के लिए एक बार फिर से काउंसेलिंग होगी. इसके साथ ही उन्होंने निजी कॉलेजों को भी और एक बार काउंसेलिंग करने का निर्देश दिया है.

उन्होंने कहा कि पहले स्थिति ऐसी थी कि सीटें कम होने की वजह से छात्र इंजीनियरिंग में दाखिला नहीं ले पाते थे, लेकिन अब स्थिति उलट हो गयी है. सीटें खाली हैं और छात्र नहीं मिल रहे हैं. उच्च शिक्षा विभाग ने इंजीनियरिंग शिक्षा के कॉलेजों की संख्या में इजाफा और सीट वृद्धि की घोषणा की थी, लेकिन वास्तव में इस साल छह हजार सीटों की संख्या घट गयी है.

इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए पहली बार हुई काउंसेलिंग में आधी सीटें खाली रह गयी हैं. 13 जून को एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल प्री-काउंसेलिंग इंस्टीटय़ूशन ने प्री-काउंसेलिंग का आयोजन किया था. पूर्व में घोषणा की गयी थी कि इंजीनियरिंग की सीटों की संख्या 43,000 हैं, लेकिन ज्वाइंट बोर्ड ने 36,000 सीटों पर छात्रों की भरती की बात कही, लेकिन 9 जुलाई से 13 जुलाई तक केवल 18 हजार ही भरती हुए हैं, लगभग आधी सीटें खाली पड़ी हुई हैं.

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