प्रेसिडेंसी जेल से भागने के दौरान दबोचे गये दो कैदी

नकली चाबी से सेल खोल कर भागने की कर रहे थे कोशिश सुरक्षा में तैनात वार्डन की नजर पड़ने पर दबोचे गये दोनों पकड़े गये आरोपियों में एक छत्तीसगढ़ का माओवादी नेता व दूसरा डकैती का आरोपी कोलकाता : प्रेसिडेंसी जेल के अंदर अपने सेल की नकली चाबी तैयार कर वहां से भागने की कोशिश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2015 3:18 AM
नकली चाबी से सेल खोल कर भागने की कर रहे थे कोशिश
सुरक्षा में तैनात वार्डन की नजर पड़ने पर दबोचे गये दोनों
पकड़े गये आरोपियों में एक छत्तीसगढ़ का माओवादी नेता व दूसरा डकैती का आरोपी
कोलकाता : प्रेसिडेंसी जेल के अंदर अपने सेल की नकली चाबी तैयार कर वहां से भागने की कोशिश कर रहे दो विचाराधीन कैदियों को रंगेहाथो जेल कर्मियों ने पकड़ लिया. पकड़े गये दोनों कैदियों के नाम शमीम हवलादार और दीपक कुमार है.इसमें दीपक प्रेसिडेंसी जेल के 33 नंबर सेल के अंदर रह रहा था, जबकि शमीम हवलादार जेल के अंदर दो नंबर सेल में था.
जेल के सुरक्षाकर्मियों की मदद से दोनों कैदियों को समय रहते पकड़ लिया गया. जेल सूत्रों के मुताबिक प्रेसिडेंसी जेल के अंदर रविवार रात को विभिन्न जेल के अंदर वार्डन ड्यूटी कर रहे थे. इसी समय दो नंबर सेल के पास ड्यूटी करने वाले वार्डन ने अचानक देखा कि शमीम हवलादार अपने सेल के बाहर लगे ताले को नकली चाभी की मदद से खोलकर भागने की कोशिश कर रहा है. तुरंत सुरक्षा संबंधी सीटी बजाने पर अन्य सुरक्षाकर्मी वहां पहुंचे और शमीम को पकड़ लिया. उससे पूछताछ में पता चला कि 33 नंबर सेल में बंद छत्तीसगढ़ के कुख्यात माओवादी दीपक कुमार भी उसके साथ अपने सेल से भागने की तैयारी कर रहा है.
तुरंत उसके सेल की भी जांच की गयी, इसमें सेल के अंदर से हुक, रस्सी, आयरन रड, लाइटर और मिरर के अलावा अन्य कुछ सामान जब्त किये गये. सुरक्षाकर्मियों का अनुमान था कि अगर जरा सी देर हो गयी होती तो वह दीपक भी अपने सेल से भाग चुका होता. जेल सूत्रों के मुताबिक शमीम को डकैती के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, उसके बाद से वह प्रेसिडेंसी जेल में सजा काट रहा है.
इसके पहले भी वह जेल से भागने की एक बार कोशिश कर चुका है. वहीं दीपक को माओवादी क्रियाकलाप के आरोप में कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया था. वह छत्तीसगढ़ में माओवादियों के लिए रुपये कलेक्शन का काम करता था और मध्य प्रदेश का रहने वाला था. माओवादियों के लिए रुपये जुटाने के लिए वह कोलकाता आया था, इसी समय उसे गिरफ्तार किया गया था.
इस घटना के बाद प्रेसीडेंसी जेल के अधीक्षक देवाशीष चक्रवर्ती की तरफ से हेस्टिंग्स थाने में दोनों भागने की कोशिश करने वाले कैदियों के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करायी. दोनों कैदियों के पास कहां से नकली चाबी आया, और सेल में रस्सी, रड अत्यादि कहां से लाये गये, इस बारे में दोनों से पूछताछ हो रही है. इस घटना के बाद से महानगर की जेलों की सुरक्षा पर फिर से सवालिया निशान लग गया है.

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