कोलकाता : चक्रवाती तूफान ‘कोमेन’ बंग्लादेश के तट पर जल्द ही पहुंच जाएगा जिस वजह से पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भारी बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि कोमेन इस समय कोलकाता से 300 किलोमीटर पूर्वी-दक्षिणपूर्व में स्थित है. बांग्लादेश में प्रवेश करने के बाद यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की तरफ मुड जाएगी और धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगी.
आइएमडी के चक्रवात चेतावनी संभाग ने बताया, ‘अधिकांश स्थानों पर बारिश होगी, कुछ स्थानों पर भारी बारिश होगा और 30-31 जुलाई को गंगा नदी वाले पश्चिम बंगाल के दूर-दराज के स्थानों पर अत्यधिक बारिश होगी और एक अगस्त को कुछ स्थानों पर भारी से भारी बारिश होगी.’ संभाग ने बताया कि 30 और 31 जुलाई को उत्तर-पूर्वी राज्यों के मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण असम के अधिकांश स्थानों पर बारिश होगी और दूर-दराज वाले स्थानों पर भारी बारिश होगी. 31 जुलाई और एक अगस्त को झारखंड में भी भारी बारिश होने की संभावना है.
चक्रवात चेतावनी संभाग ने बताया कि अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल और ओडिशा से तटों के आसपास 50-60 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से हवा का तेज झोंका आएगा जो 70 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार तक जा सकती है. केंद्र ने कहा है, ‘आज शाम से शुरू होकर अगले 24 घंटों के दौरान मिजोरम और त्रिपुरा में एवं पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाके में कल सुबह से 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से लेकर 60 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार हवा चलेगी. इस दौरान उत्तरी बंगाल की खाडी में समुद्र में लहर काफी तेज रहेगी.
मंगलवार की रात आये तेज तूफान व बारिश से हावड़ा के ग्रामीण अंचल में भारी तबाही हुई है. प्रभावित इलाकों में बदामतला, रथतला सहित आसपास के कई गांव शामिल हैं. तूफान के दौरान चली तेज हवा में 30 से भी ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गये हैं.
लगभग 40 लोग इन हादसों में घायल हुए हैं. इनमें 10 बच्चे भी शामिल हैं. घायलों में चार लोगों की हालत गंभीर बतायी गयी है, जिनका स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है. उधर तूफान से प्रभावित लोगों तक राहत कार्य पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से राहत कार्य शुरू कर दिया गया है. जगह-जगह राहत शिविर लगाये गये हैं. तूफान के कारण बेघर हुए लोगों को शिविरों में पनाह दिया गया है. वहीं, स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है.
उदयनारायणपुर में नदी उफान पर, जारी हुआ रेड अलर्ट
एक तरफ पाचला में तूफान से लोग प्रभावित हैं. वहीं, दूसरी ओर उदयनारायणपुर में बाढ़ स्थिति को देखते हुए प्रशासन सतर्क है. स्थानीय नदी के जल स्तर में अचानक हुई बढ़ोतरी के बाद इलाके में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर प्रशासन ने ऐहतियातन अलर्ट जारी कर दिया है.
बुधवार को प्रशासन की ओर से इलाके में प्रचार के माध्यम से लोगों को इलाका खाली करने को कहा गया है. दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) से छोड़े गये अतिरिक्त जल के कारण स्थानीय नदी का जल स्तर एकाएक बढ़ गया है. इससे इलाके में बाढ़ की आशंका बढ़ गयी है.
अधिकारी ने बताया कि तूफान के साथ हुई मूसलधार बारिश के कारण 80 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है और 20 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं और नौ लोग जख्मी हुए हैं.
इनमें दो की हालत गंभीर है. दोनों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. स्थानीय प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ मकानों की टीन की छतें उड़ कर एक किलोमीटर दूर तक चली गयीं. उन्होंने बताया कि कल रात ही वहां तिरपाल और सूखे खाद्य पदार्थ भेज दिये गये, जबकि आज पके हुए खाद्य पदार्थ भेजने की व्यवस्था की जा रही है. अधिकारी ने बताया कि बेघर लोगों को एक निर्माणाधीन हॉस्टल और स्थानीय कारखानों में ठहराया गया है. खाद्यमंत्री और स्थानीय विधायक ज्योतिप्रिय मल्लिक ने बताया कि उत्तर 24 परगना जिले में 100 झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं.
कल्याणी : मात्र तीन मिनट के तूफान ने बुधवार दोपहर नदिया जिले में तबाही मचा दी. हरिणघाटा थाना इलाके में 50 किलोमीटर की गति से चले तूफान से सैकड़ों कच्चे मकानों को धराशायी कर दिया. पेड़ों के सड़क पर गीर जाने से यातायात प्रभावित हुआ. एक व्यक्ति तथा कई मवेशी घायल हो गये. कालीनारायणपुर एवं वीरनगर रेलवे स्टेशन के बीच बिजली का तार टूट जाने से रानाघाट-कृष्णानगर के बीच घंटों रेल यातायात बंद रहा. शहर की बिजली भी गुल हो गयी है.
तीन लोगों के घायल होने की सूचना है. उलटा रथ के लिए बनाया गया गेट टूट कर गीर जाने से तीन नंबर सड़क पर आवागमन रुका हुआ है. उधर मूसलधार बारिश और आंधी से पूर्व मेदिनीपुर जिले के पटाशपुर-2 ब्लॉक का आड़गोआल, जबदा, एड़ाबाड़, ब्रजवल्लभपुर, समासपुर, हरिपुर सहित 10-12 गांव में भारी तबाही हुई.
दक्षिण 24 परगना के एक विद्यालय में वज्रपात से 12 छात्र-छात्राओं के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है. यह घटना पाथरप्रतिमा के कृष्णपुर इलाके के दुर्वाचटी हाइस्कूल में घटी. मंगलवार की शाम को भारी बारिश के समय विद्यालय के पास स्थित एक ताल के पेड़ पर बिजली गिरी. उसी समय बच्चे खिड़की से बाहर देख रहे थे. लोहे की छड़ की वजह से उन्हें बिजली के झटके लगे. सूचना के अनुसार एक बच्ची के दोनों पैर एक साथ सट गये थे. सूत्रों के अनुसार सभी बच्चों को बुधवार को चिकित्सा के बाद छोड़ दिया गया है.
उत्तर 24 परगना जिले में बुधवार को 10 मिनट के चक्रवर्ती तूफान ने हाबरा अंचल में भारी तबाही मचायी. तेज तूफान से हाबरा, गुमा, अशोकगनर और देगंगा के विस्तृत अंचल में 200 से ज्यादा मकान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये.सैकड़ों पेड़ उखड़ गये. बिजली के खंभे और मोबाइल टावर टूट गये. इसकी वजह से कई इलाके अंधकार में डूब गये. मोबाइल सेवा पर भी प्रभाव पड़ा है. मकान पर पेड़ टूट कर गिरने से काफी लोग घायल हो गये.
इनमें पांच की हालत गंभीर है. घायलों को हाबरा और बारासात के अस्पताल में भरती किया गया है. बताया जाता है कि हाबरा, देगंगा और अशोकनगर अंचल में बुधवार सुबह 11 बजे 90 से 100 किलोमीटर की वेग की 10 मिनट की तेज तूफान आया, जो अंचल में बड़ी तबाही मचा कर चला गया. अंचल के सैकड़ों मकानों के टीन उड़ गये. कई कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गये. कई मकान ढह गये. रास्ते पर पेड़ उखड़ कर गिरने से वाहनों की आवाजाही बंद हो गयी. सर्वाधिक प्रभावित इलाके में हाबरा के श्रीनगर, जयगाछी, कजला ग्राम पंचायत और अशोकनगर के बनबनिया इलाका शामिल है.
तेज आंधी की वजह से 200 से ज्यादा परिवार बेघर हो गये. दूसरी ओर लगातार हो रही बारिश के वजह से बेघर हुए लोगों की समस्याएं और बढ़ गयी हैं. सूचना मिलने के बाद बारासात के एसडीओ और बीडीओ के नेतृत्व में जिला प्रशासन के अधिकारी राहत कार्य के लिए इलाके में पहुंच गये. पीड़ित लोगों को जिला प्रशासन की ओर से राहत सामग्री पहुंचायी जा रही है.
प्रशासन की ओर से उन्हें तिरपाल, खाने का सामान और पेयजल मुहैया कराया जा रहा है. शाम को खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने भी प्रभावित अंचल का दौरा किया. उन्होंने अंचल में तेज आंधी से हुए नुकसान का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि तेज आंधी की वजह से दो सौ ज्यादा परिवार बेघर हो गये हैं. उन्होंने राज्य सरकार की ओर से पीड़ितों को हर प्रकार की मदद देने का आश्वासन दिया.
दूसरी ओर ग्राम पंचायत दफ्तर और स्थानीयपार्षद के नेतृत्व में युद्ध स्तर पर राहत कार्य किया जा रहा है. रास्ते पर गिरे पेड़ों को काट कर उन्हें हटाया जा रहा है. इस काम में स्थानीय थाना और दमकल कर्मी भी लगे हुए हैं. बिजली के खंभों के टूटने से अधिकतर इलाके अंधकार में डूब गये हैं, इससे लोग परेशान हैं.