कोलकाता फिर पानी-पानी

कोलकाता : बुधवार को हुई डेढ़ घंटे की मूसलधार बारिश से एक बार फिर महानगर, खास कर धर्मतल्ला इलाका कुछ देर के लिए थम-सा गया. दो दिन पहले शहर की जो तसवीर दुनियाभर के सामने आयी थी, फिर वही नजारा देखने को मिला. ऐसा लगा कि पानी आसमान से नहीं, बल्कि जमीन से निकल आया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2015 2:47 AM
कोलकाता : बुधवार को हुई डेढ़ घंटे की मूसलधार बारिश से एक बार फिर महानगर, खास कर धर्मतल्ला इलाका कुछ देर के लिए थम-सा गया. दो दिन पहले शहर की जो तसवीर दुनियाभर के सामने आयी थी, फिर वही नजारा देखने को मिला. ऐसा लगा कि पानी आसमान से नहीं, बल्कि जमीन से निकल आया हो.
कोलकाता नगर निगम के लाख दावों के बावजूद बुधवार को शहर वासी एक बार फिर जलजमाव की चपेट में जा फंसे. शहर का शायद ही ऐसा कोई इलाका था, जहां बारिश का पानी नहीं जमा था. कहीं टखने भर तो कहीं घुटने भर और कहीं-कहीं तो सड़कों पर जमा पानी लोगों की कमर तक जा पहुंचा था. जलजमाव की इस मुसीबत से कोलकाता नगर निगम का मुख्यालय और विधानसभा तक नहीं बच पाया.
निगम मुख्यालय और विधानसभा में भी बारिश का पानी जम गया था. राज्य सरकार के सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग एवं कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार के चारों ओर भी बारिश का पानी काफी देर तक जम गया था. महानगर के प्रतिष्ठित कई होटलों में भी बारिश का पानी घुस गया. क्रिकेट के मक्का के रुप में मशहूर इडेन गार्डेस भी भी बारिश का पानी भर गया.
महात्मा गांधी रोड, सैयद सालेह लेन, जकरिया स्ट्रीट, मुक्ताराम बाबू स्ट्रीट, बड़ाबाजार, विधान सरणी, ठनठनिया, स्ट्रैंड रोड, कॉलेज स्ट्रीट, कोलूटोला, सूर्यसेन स्ट्रीट, नेताजी सुभाष रोड, बीबीडी बाग, राइटर्स बिल्डिंग परिसर, बीबी गांगुली स्ट्रीट, फियर्स लेन, चितरंजन एवेन्यू, लालबाजार स्ट्रीट, फेयरली प्लेस, राम मंदिर, काकुड़गाछी अंडरपास, दमदम अंडरपास, उल्टाडांगा अंडरपास, पातीपुकुर अंडरपास, बेलियाघाटा, सियालदह, मौलाली, पार्क स्ट्रीट, जवाहर लाल नेहरु रोड, मेओ रोड, एसप्लानेड, एसएन बनर्जी रोड, टेंगरा, तोपसिया, तिलजला इत्यादि इलाके जलजमाव से सबसे अधिक प्रभावित हुए.
दोपहर लगभग चार बजे गंगा में आये ज्वार का पानी भी शहर में घुस गया, जिससे स्थिति और भयावह हो गयी.
बारिश का पानी निकलने के बजाय शहर में गंगा का पानी घुस जाने की वजह से जलजमाव की समस्या और गंभीर हो गयी. गंगा पर लगे लॉक गेट नहीं खोले जाने कारण पानी निकलने में काफी दिक्कत हुई.
लगभग डेढ़ घंटे तक हुई मूसलधार बारिश एवं उसके बाद हुई भीषण जलजमाव का खामियाजा एक बार फिर शहर वासियों को भुगतना पड़ा. बारिश और जलजमाव का सबसे बुरा प्रभाव शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर पड़ा. महानगर की पूरी यातायात व्यवस्था घंटों तक अस्त-व्यस्त हो गयी थी.
पूरे शहर में ट्रैफिक जाम लग गया था. गुजरती गाड़ियों को देख कर लग रहा था कि जैसे गाड़ियां सड़कों पर नहीं, बल्कि पानी में चल रही हैं. निगम की कोशिशों के बाद अधिकतर इलाकों से जमा पानी निकल तो गया, पर खबर लिखे जाने तक शहर के कई इलाकों में बारिश का पानी जमा हुआ था, जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हुई.
मेयर शोभन चटर्जी ने भी स्वीकार किया है कि जलजमाव की वजह से लोगों को काफी दिक्कत हुई. पर इसके लिए उन्होंने गंगा पर बने लॉक गेट को नहीं खोले जाने को जिम्मेदार ठहराया. श्री चटर्जी ने कहा कि ज्वार का पानी शहर में घुस जाने की वजह से जलजमाव की समस्या गंभीर हो गयी. ऊपर से जगन्नाथ घाट, नीमतला घाट, जैक्सन घाट व बागबाजार समेत पांच घाटों पर बने लॉक गेट नहीं खोले से हालात और बिगड़ गये.
पिछले वाम मोरचा बोर्ड को महानगर की इस बेहाल निकासी व्यवस्था का जिम्मेदार ठहराते हुए श्री चटर्जी ने कहा कि वाममोरचा ने शहर की निकासी व्यवस्था को ठीक करने के लिए कुछ भी नहीं किया, जिसका खामियाजा आज सभी को भुगतना पड़ रहा है.
श्री चटर्जी रात लगभग सात बजे बीबीडी बाग इलाके का जायजा लेने पहुंचे, जहां बारिश को बंद हुए घंटों गुजर जाने के बावजूद जलजमाव की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई थी. उन्होंने स्वीकार किया कि महानगर के कई इलाकों में अभी भी पानी जमा हुआ है, जिसे निकालने का अथक प्रयास किया जा रहा है.

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