मालदा. तृणमूल के दो गुटों के बीच हुए सशस्त्र संघर्ष में एक तृणमूल कार्यकर्ता गंभीर रूप से जख्मी हो गया. घायल तृणमूल कार्यकर्ता का नाम मधु मंडल (35) है. रविवार शाम सात बजे के आसपास कालियाचक थानांतर्गत जालुआबाधाल ग्राम पंचायत के गंगानारायणपुर गांव में तृणमूल के दो गुटों के बीच जमकर संघर्ष हुआ. रात को ही घायल तृणमूल कार्यकर्ता को मालदा मेडिकल कॉलेज में भरती कराया गया. आज सुबह उसे कोलकाता के पीजी में रेफर किया गया.
घायल की पत्नी पातानी मंडल ने कालियाचक थाने में 16 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रुपये के बंटवारे को लेकर गंगानारायणपुर गांव के लक्ष्मण मंडल के साथ मल्लिकपाड़ा के अभिराम मंडल का बात-विवाद चल रहा था. ये दोनों ही इलाके के तृणमूल कार्यकर्ता हैं. लक्ष्मण अभिराम से 70 हजार रुपये पाता था. रुपये देने में अभिराम बहानेबाजी कर रहा था. पिछले हफ्ते लक्ष्मण के लोग अभिराम को उठा ले गये थे. बाद में स्थानीय तृणमूल नेताओं के हस्तक्षेप से अभिराम को छोड़ दिया गया.
स्थानीय लोगों ने बताया कि रविवार शाम सात बजे के आसपास अचानक अभिराम मंडल 15-16 आदमी लेकर गंगानारायणपुर गांव मंे जाकर तृणमूल कार्यकर्ता लक्ष्मण मंडल के घर पर हमला किया. ग्रामीणों के विरोध करने पर हमलावरों ने बम-गोली चलाना शुरू कर दिया. गोलीबारी में मधु मंडल नामक तृणमूल कार्यकर्ता के छाती के दायींओर गोली लगी है. इधर, संघर्ष की खबर पाकर कालियाचक थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. स्थिति अनियंत्रित देख कर अभिराम मंडल व उसके लोग भाग गये. जलुआबाधाल ग्राम पंचायत के प्रधान तृणमूल के आतिब शेख ने बताया कि दो गुटों के बीच हुए संघर्ष की घटना के बाद से गांववाले आतंकित हो गये हैं. पुलिस को इलाके में सुरक्षा व्यवस्था जोरदार करने के लिए कहा गया है.
घायल तृणमूल कार्यकर्ता की पत्नी ने बताया कि दो गुटों के बीच संघर्ष के दौरान उसका पति काम से घर लौट रहा था. उस दौरान उसें गोली लग गयी. वह संघर्ष में शामिल नहीं था. हमलावरों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी है. मल्लिकपाड़ा व श्रीरामपुर गांव से हमलावर आये थे. दूसरी ओर, स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में अवैध रूप से अफीम की खेती की जा रही है. अफीम के फसलों की बिक्री के बाद उसे रुपये के बंटवारे को लेकर तृणमूल के दो गुटों के बीच संघर्ष की घटना घटी. पूरी घटना के लिए स्थानीय लोगों ने पुलिस केा दोषी ठहराया है. पुलिस अधीक्षक प्रसून बनर्जी ने बताया कि इस घटना के पीछे कोई राजनीतिक संघर्ष नहीं है. कालियाचक थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है.