हंगामा. महिलाओं के रेल अवरोध के बाद खड़दह रेलवे स्टेशन बना रणक्षेत्र

कोलकाता. मातृभूमि (महिला स्पेशल) लोकल ट्रेन के तीन डिब्बों को जनरल करने के विरोध में महिला यात्रियों के रेल अवरोध को लेकर सोमवार सुबह खड़दह रेलवे स्टेशन रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. महिला और पुरुष यात्रियों ने एक-दूसरे पर ईंट व पत्थर फेंके. स्थिति को काबू में करने के दौरान ईंट व पत्थर की चपेट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2015 6:15 AM
कोलकाता. मातृभूमि (महिला स्पेशल) लोकल ट्रेन के तीन डिब्बों को जनरल करने के विरोध में महिला यात्रियों के रेल अवरोध को लेकर सोमवार सुबह खड़दह रेलवे स्टेशन रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. महिला और पुरुष यात्रियों ने एक-दूसरे पर ईंट व पत्थर फेंके. स्थिति को काबू में करने के दौरान ईंट व पत्थर की चपेट में आने से सात पुलिसकर्मी घायल हो गये. उग्र यात्रियों की भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और टीयर गैस के गोले दागने पड़े.

अवरोध की वजह से सियालदह-कृष्णनगर रेल सेक्शन में साढ़े चार घंटे तक रेल यातायात ठप रहा. महिला यात्रियों के दबाव में आकर पूर्व रेलवे को अंतत: अपना फैसला वापस लेना पड़ा. पूर्व रेलवे ने सोमवार से मातृभूमि की तीन बोगी को जनरल करने की घोषणा की थी. पूर्व रेलवे के इस फैसले के पहले ही दिन सोमवार सुबह आठ बजे खड़दह रेलवे स्टेशन पर महिला यात्रियों ने रेल अवरोध शुरू कर दिया, जिसकी वजह से सियालदह मेन सेक्शन में ऑफिस समय में रेल यातायात ठप हो गया.

दूसरी ओर, पूर्व रेलवे के फैसले का स्वागत करते हुए पुरुष यात्री महिलाओं के रेल अवरोध के विरोध में सामने आ गये. आरोप है कि दोनों तरफ से बहस होने लगी और बाद में एक-दूसरे पर ईंट-पत्थर फेंकने लगे. हालात काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और टीयर गैस के गोले दागने पड़े. रेल यातायात अपराह्न साढ़े 12 बजे के बाद शुरू हो सका. रेल अवरोध से ऑफिस जानेवाले यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी. दूसरी ओर, पूर्व रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी रवि महापात्र ने रेल अवरोध के पीछे राजनीतिक दलों के हाथ होने की आशंका जतायी.
उन्होंने बताया कि मातृभूमि लोकल का 70 फीसदी कंपार्टमेंट खाली रहता है. इस वजह से इस लोकल ट्रेन के तीन कंपार्टमेंट को परीक्षण के तौर में जनरल करने का फैसला किया गया था. इसके लिए 15 अगस्त को अखबारों में पूर्व रेलवे की ओर से विज्ञापन दिया गया था, हालांकि रेल अवरोध के बाद पूर्व रेलवे को अपना फैसला स्थागित करना पड़ा. श्री महापात्र ने बताया कि सियालदह-उत्तर और सियलदह मेन सेक्शन में सभी मातृभूमि स्पेशल ट्रेन का कोई भी बोगी जनरल नहीं होगी, हालांकि हावड़ा और सियालदह दक्षिण रेल सेक्शन की मातृभूमि स्पेशल ट्रेन के तीन डिब्बे जनरल रहेंगे.

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