रेलवे को ढुलाई के लिए नहीं मिल रहा पर्याप्त माल : मंत्री

कोलकाता. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को भारत चैंबर आॅफ कॉमर्स की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारतीय रेलवे को ढुलाई के लिए पर्याप्त माल नहीं मिल रहा, जबकि इसकी क्षमता सालाना 1.2 अरब टन माल ढुलाई की है. हालांकि, यह समस्या रेलवे क्षेत्र से बाहर का मुद्दा है, लेकिन फिर भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2015 7:30 AM
कोलकाता. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को भारत चैंबर आॅफ कॉमर्स की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारतीय रेलवे को ढुलाई के लिए पर्याप्त माल नहीं मिल रहा, जबकि इसकी क्षमता सालाना 1.2 अरब टन माल ढुलाई की है. हालांकि, यह समस्या रेलवे क्षेत्र से बाहर का मुद्दा है, लेकिन फिर भी अगर रेलवे को इस मात्रा में माल ढुलाई के लिए मिले तो इससे रेलवे को काफी आमदनी होगी. श्री प्रभु ने कहा कि रेलवे प्रत्येक वर्ष 1.2 अरब टन माल ढुलाई करने की तैयारी में हैं. इस संबंध में उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी बताया है कि हम और कोयले की ढुलाई कर सकते हैं, लेकिन हमें ढुलाई के लिए क्षमता के मुताबिक पूरा माल नहीं मिल रहा.

रेल मंत्री ने कहा कि इसलिए यदि हमें और कार्गों मिलता है तो हमें ज्यादा खुशी होगी. अगला कार्य सत्र, जो मुख्य रूप से अक्तूबर में शुरू होता है, इस समय माल ढुलाई के लिए मांग बढ़ती है. उन्होंने कहा कि रेलवे ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम का अहम हिस्सा है.

बजट में घोषित योजनाओं में से 79 योजनाओं को क्रियान्वित किया जा चुका है. पिछले 15-20 साल के दौरान रेलवे में कोई उल्लेखनीय क्षमता नहीं जोड़ी गयी, जबकि दिल्ली-हावड़ा जैसे मार्ग पर क्षमता से अधिक काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक सरकारों ने रेलवे में काफी निवेश नहीं किया है. इसके आधुनिकीकरण से बचा गया, लेकिन अब सरकार अगले पांच साल के दौरान रेलवे में 120 अरब डालर का निवेश किया जायेगा. महाराष्ट्र ने अगले चार साल में रेलवे में 10,000 करोड़ रुपये निवेश करने पर सहमति जताई है, इसके अलावा 16 अन्य राज्यों ने भी इस पर सहमति जताई है. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में सेल व कोल इंडिया ने रेलवे में निवेश करने इच्छा जतायी है. ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 तक इसका निर्माण कार्य पूरा होगा.

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