हावड़ा. नगर निगम के सब असिस्टेंट इंजीिनयर प्रणब अधिकारी घूसकांड मामले में पुिलस की एंटी करप्शन ब्रांच की टीम ने मंगलवार दोपहर बाली नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन व माकपा नेता अरुनाभ लाहिड़ी के घर व उनके ससुराल में छापेमारी की. तीन घंटे तक चली इस कार्रवाई में दोनों घरों से कई अहम दस्तावेज व दलील बरामद की गयी है.
हालांकि एसीबी अधिकारियों ने इस बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. पिछले शनिवार को अरुनाभ लाहिड़ी को एसीबी कार्यालय में प्रणब अधिकारी के साथ आमने-सामने बिठाकर तीन घंटे तक पूछताछ की गयी थी. उस दिन एसीबी अधिकारियों ने पूर्व चेयरमैन को अपना बैंक स्टेटमेंट व संपत्ति से जुड़े अन्य कागजात मंगलवार को जमा करने कहा था. मंगलवार दोपहर पूर्व चेयरमैन एसीबी कार्यालय पहुंचे. बताया जा रहा है कि एसीबी अधिकारियों द्वारा मांगे गये जरूरी दस्तावेज माकपा नेता लेकर नहीं पहुंचे थे. इसके बाद एसीबी अधिकारियों की अाठ सदस्यों की एक टीम अरुनाभ लाहिड़ी को लेकर उनके घर बाली के बादामतल्ला पहुंची.
ढाई बजे शुरू हुई छापेमारी: आठ सदस्यीय एसीबी की टीम दो भागों में बंट गयी. पहली टीम घर गयी व दूसरी टीम ससुराल पहुंची. अरुनाभ का ससुराल उनके घर से 200 मीटर की दूरी पर है. शाम छह बजे तक ससुराल व घर पर तलाशी अभियान चला. एसीबी सूत्रों के अनुसार, छापेमारी में रकम की बरामदगी नहीं हुई है लेकिन अहम सुराग जरूर मिले हैं. बताया जा रहा है कि बाली इलाके में ही पूर्व चेयरमैन का 3000 से अधिक वर्गफुट का एक आलीशान फ्लैट है, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये बतायी जा रही है.
कौन हैं अरुनाभ लाहिड़ी: अरुनाभ लाहिड़ी पेशे से शिक्षक हैं. घर में पत्नी व एक बेटी है. बेटी एक निजी कॉलेज में डेंटल की पढ़ाई कर रही है. वर्ष 2000 में वह पहली बार अाठ नंबर वार्ड से पार्षद बने. यहीं से उनका राजनीतिक कैरियर शुरू हुआ. वर्ष 2005 में वह बाली नगरपालिका के वाइस चेयरमैन बनाये गये. सूत्रों की मानें, तो यहीं से उनका उत्थान शुरू हुआ. पालिका एक्ट के तहत बिल्डिंग का प्लान पास होने के बाद उस फाइल में आखिरी हस्ताक्षर वाइस चेयरमैन का ही होता है. वाइस चेयरमैन के हस्ताक्षर के बिना मकान निर्माण करना संभव नहीं है.
पांच साल तक वाइस चेयरमैन रहने के बाद वह 14 जून, 2010 को चेयरमैन बने, जबकि वाइस चैयरमैन का जिम्मा विकास बसु को मिला व बिल्डिंग विभाग के चेयरमैन इन काउंसिल बाली विधानसभा के पूर्व माकपा विधायक कनिका गांगुली के पति प्रदीप गंगोपाध्याय को दिया गया. एसीबी सूत्रों की मानें तो प्रमोटर से घूस लेकर प्लान पास कराने में सिर्फ प्रणब अधिकारी ही नहीं है. इस पूरे मामले में माकपा नेता के अलावा शासक दल के भी कई नेता जुड़े हुए हैं. प्रणब के घर से मिली डायरी में इन सभी का नाम लिखा हुआ है. मालूम रहे कि 14 अगस्त की दोपहर एसीबी ने प्रणब के घर छापा मार कर 20 करोड़ से अधिक नगदी बरामद की थी. एक प्रमोटर एपी िसंह की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्रांच ने यह कार्रवाई की थी.गौरतलब है िक बाली नगरपालिका का हावड़ा नगर निगम में विलय हो चुका है.
मामले में मैं एसीबी अधिकारियों को जांच में सहयोग कर रहा हूं व आगे भी करता रहूंगा. एसीबी अधिकारी जितनी बार मेरे घर में छापा मारना चाहें, मुझे कोई एतराज नहीं है. करोड़ों रुपये का गिफ्ट में मिला फ्लैट व घूस की रकम से मेरा कोई लेना-देना नहीं है. सारे आरोप गलत हैं.
-अरुनाभ लाहिड़ी, पूर्व चेयरमैन