तकनीकी विकास व दक्ष कामगार बनाना जरूरी : उप राष्ट्रपति
कोलकाता. पांच वर्ष पहले भारत का निर्यात काफी मजबूत स्थिति में था. विश्व स्तर पर आयी आर्थिक संकट के समय वर्ष 2010 में निर्यात हल्का सा प्रभावित हुआ था, लेकिन उसके बाद लगातार दो वर्षों में निर्यात की मात्रा में औसतन 20-22 प्रतिशत की वृद्धि हुई, लेकिन उसके बाद यहां निर्यात की स्थिति फिर से […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
August 28, 2015 7:09 AM
कोलकाता. पांच वर्ष पहले भारत का निर्यात काफी मजबूत स्थिति में था. विश्व स्तर पर आयी आर्थिक संकट के समय वर्ष 2010 में निर्यात हल्का सा प्रभावित हुआ था, लेकिन उसके बाद लगातार दो वर्षों में निर्यात की मात्रा में औसतन 20-22 प्रतिशत की वृद्धि हुई, लेकिन उसके बाद यहां निर्यात की स्थिति फिर से डमाडोल हो गयी है. यह बातें गुुरुवार को देश के उप राष्ट्रपति एम हमीद अंसारी ने महानगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही.
उन्होंने कहा कि देश में निर्यात की स्थिति को बरकरार रखने के लिए यहां तकनीकी विकास करना बहुत जरूरी है. देश से सबसे अधिक निर्यात यहां के एसएमई सेक्टर द्वारा उत्पादित सामान का किया जाता है. निर्यात किये जानेवाले कुल उत्पाद में से 40 प्रतिशत एसएमई सेक्टर द्वारा किया जाता है, लेकिन इन एसएमई सेक्टर को विकास करने के फंड नहीं मिल रहा है. इसके साथ ही यह सेक्टर तकनीकी रूप से विकसित नहीं है और साथ ही इस सेक्टर में दक्ष कामगारों की कमी है, जिसकी वजह से वैश्विक कंपनियों की प्रतिस्पर्धा के बीच हमारे देश के उत्पाद खरे नहीं उतर पा रहे हैं. इसलिए देश में निर्यात की मात्रा को बढ़ाने के लिए हमें एसएमई सेक्टर के विकास पर विशेष ध्यान देना होगा. इस मौके पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी भी सम्मानीय अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.
ममता के नेतृत्व में बना निवेश का माहौल
देश के उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में पश्चिम बंगाल सरकार ने पिछले चार वर्षों में बहुत ही बेहतर काम किया है जिससे यहां निवेश का माहौल पैदा हुआ है. अगर बंगाल के सकल घरेलू उत्पाद के विकास दर की बात करें तो यह राष्ट्रीय जीडीपी विकास दर से भी अधिक है. उन्होंने कहा कि बंगाल अब निवेश के लिए सबसे बेहतर स्थान हो गया है. बंगाल की मुख्यमंत्री कुछ दिन पहले लंदन दौरे पर गयी थीं और इस दौरे के दौरान वहां यूके की लगभग 20 कंपनियों के साथ राज्य सरकार ने समझौता किया. इससे यह साफ जाहिर होता है कि राज्य के प्रति विदेशी निवेशकों में भी उत्सुकता जगी है.