हड़ताल पर सीटू अध्यक्ष ने दी राज्य सरकार को धमकी, बाधा देने पर होंगे गंभीर नतीजे

कोलकाता. श्रमिकों के हित से जुड़ीं करीब 12 सूत्री मांगों को लेकर दो सितंबर की देशव्यापी हड़ताल के लिए 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन अडिग हैं. हड़ताल का एक कारण केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीति भी है. कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व वाली राज्य सरकार हड़ताल का विरोध कर रही है. यदि हड़ताल में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2015 8:31 AM
कोलकाता. श्रमिकों के हित से जुड़ीं करीब 12 सूत्री मांगों को लेकर दो सितंबर की देशव्यापी हड़ताल के लिए 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन अडिग हैं. हड़ताल का एक कारण केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीति भी है. कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व वाली राज्य सरकार हड़ताल का विरोध कर रही है.

यदि हड़ताल में किसी भी प्रकार की बाधा देने या आंदोलन में शामिल श्रमिकों पर दबाव बनाने की कोशिश की गयी तो इसका परिणाम भुगतने को सरकार तैयार रहे. यह चुनौती देते हुए राज्य में सीटू के अध्यक्ष श्यामल चक्रवर्ती ने प्रस्तावित हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया है. वे रविवार को केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा बुलाये संवादताता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.

इस मौके पर राज्य में सीटू के महासचिव दीपक दासगुप्ता, प्रदेश इंटक के नेता रमेन पांडेय, एआइयूटीयूसी के दिलीप भट्टाचार्य, एटक के रंजित गुहा, यूटीयूसी के अशोक घोष समेत अन्य श्रमिक नेतागण मौजूद रहे.

श्यामल चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार हड़ताल का विरोध इसलिए कर रही है, क्योंकि भाजपा नीत केंद्र सरकार के साथ तृणमूल कांग्रेस की सांठगांठ है. श्रमिक संगठनों ने हड़ताल श्रमिकों की मांगों को पूरा करने व केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ बुलाया है. ऐसे में हड़ताल का विरोध करना तृणमूल सरकार के असली चेहरे को उजागर करता है.
सीटू नेता दीपक दासगुप्ता ने कहा कि विगत 26 और 27 अगस्त को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व वाले मंत्री समूह और करीब 11 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच हड़ताल के संबंध में बैठक हुई थी, लेकिन केंद्र सरकार की पेशकश असंतोषजनक होेने के कारण भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) को छोड़ कर शेष 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने हड़ताल का फैसला कायम रखा है.
श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी करीब 15 हजार रुपये करने, ठेका मजदूरों को समकक्ष स्थायी और नियमित कर्मचारियों की तरह समान रूप से वेतन दिये जाने, श्रम कानून संशोधन के खिलाफ, श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान किये जाने समेत 12 दफा मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही है. हड़ताल को सफल बनाने के लिए श्रमिक संगठन किसी भी प्रकार का कसर नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि हड़ताल के आह्वान का मूल मकसद श्रमिकों के हित को पूरा करना है.

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