जनजीवन अस्त-व्यस्त : राज्य में कई जगह हिंसक झड़प
दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों की हड़ताल का व्यापक असर कोलकाता : केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों की बुधवार को देशव्यापी हड़ताल से सामान्य जनजीवन खासा प्रभावित हुआ. कई जगह राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में झड़प हो गयी. मुर्शिदाबाद के बहरमपुर में माकपा के जुलूस पर हुए हमले में पार्टी […]
दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों की हड़ताल का व्यापक असर
कोलकाता : केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों की बुधवार को देशव्यापी हड़ताल से सामान्य जनजीवन खासा प्रभावित हुआ. कई जगह राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में झड़प हो गयी.
मुर्शिदाबाद के बहरमपुर में माकपा के जुलूस पर हुए हमले में पार्टी के पूर्व सांसद मोइनुल हसन समेत 15 लोग घायल हो गये. झड़प में माकपा विधायक धीरेन बागदी व इनसार अली को भी चोटें आयी हैं. डोमकल में बमबाजी की घटना हुई. पुलिस के मुताबिक, राज्य के विभिन्न हिस्सों से 100 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
मालदा में तोड़फोड़: मालदा शहर के मालचंपल्ली इलाके के 34 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोलकाता-जोगबानी रूट की एक बस में हड़ताल समर्थकों ने तोड़फोड़ की. आइहो इलाके में भी एक सरकारी बस में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया. मालदा शहर के ही झलझलिया स्थित डीआरएम बिल्डिंग के सामने एक टोटो गाड़ी पर पथराव किया गया. वाम मोरचा समर्थकों के खिलाफ मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में तोड़फोड़ करने
का आरोप लगा है. सुबह से ही हाट-बाजार बंद थे. सड़क पर वाहन नहीं चले. पुलिस अधीक्षक प्रसून बनर्जी ने बताया कि विभिन्न जगहों में जबरदस्ती बंद कराने के लिए व बस में तोड़फोड़ करने के आरोप में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
बुधवार सुबह जलपाईगुड़ी के नेताजीपाड़ा सरकारी बस स्टैंड के सामने वाहनों की आवाजाही रोकने की कोशिश करने पर माकपा के जिला सचिव सलिल आचार्य, माकपा नेता जितेन दास समेत 32 माकपा समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. शहर के पीडब्ल्यूडी मोड़ पर हड़ताल के समर्थन में पिकेटिंग के दौरान वरिष्ठ माकपा नेता मानिक सान्याल को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया. जिला पुलिस अधीक्षक आकाश माघेरिया ने बताया कि जिले में कुल 70 बंद समर्थक को गिरफ्तार किया गया है.
चाय बागानों पर असर: उत्तर बंगाल के चाय उद्योग में हड़ताल का मिलाजुला असर देखा गया. तराई-डुवार्स के आधे बागानों में कामकाज हुआ तो आधे बागानों में कामकाज ठप रहा. जलपाईगुड़ी लोक निर्माण विभाग के सामने महिला चाय श्रमिकों ने पथावरोध कर विरोध प्रदर्शन किया.
इस दौरान कई महिला चाय श्रमिक नेता समेत 50 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. माकपा नेता अशोक भट्टाचार्य ने दावे के साथ कहा कि उत्तर बंगाल में हड़ताल पूर्ण रूप से सफल रही. दूसरी ओर, उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव ने कहा कि उत्तर बंगाल में हड़ताल का कोई खासा असर नहीं पड़ा है. हड़ताल का पहाड़ पर खास असर नहीं हुआ.
सुबह माकपा समर्थकों ने शहर के चौक बाजार आदि क्षेत्रों में पार्टी का लाल झंडा हाथों में लेकर बंद के समर्थन में नारेबाजी की. शहर में शांति सुरक्षा बनाये रखने के लिये पुलिस प्रशासन ने शहर के चौक बाजार आदि क्षेत्रों में सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया था.
कोलकाता में कोई हिंसक झड़प नहीं हुई, लेकिन जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हुआ. सरकारी वाहनों व ट्रेनों के चलने के बावजूद कामकाज लगभग ठप रहा. कम ही लोग घरों से निकले.
राज्य सरकार के फरमान के चलते राज्य सचिवालय नवान्न भवन में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों ने रात गुजारी. वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, नवान्न में उपस्थिति 90 फीसदी रही.
कोलकाता नगर निगम कार्यालय भी खुला रहा. दक्षिण पूर्व रेलवे की ट्रेन सेवाएं सामान्य रहीं, वहां भी कर्मचारियों की उपस्थिति सामान्य ही रही. जबकि पूर्व रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि कुछ जगहों पर अवरोध खड़े किये जाने से सियालदह दक्षिण खंड में उपनगरीय सेवाएं कुछ समय के लिए प्रभावित हुईं. अधिकारियों ने कहा कि मेट्रो रेल सेवाएं सामान्य रुप से चालू रही. वहीं ज्यादातर इलाकों में दुकानें, बाजार और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे.
राज्य प्रशासन बड़ी संख्या में सार्वजनिक परिवहन की बसें चलायीं, लेकिन यात्री लगभग नदारद थे. कुछ निजी बसों व टैक्सियां भी चलीं, लेकिन दुकान पाट, स्कूल व कॉलेज बंद रहे. दूसरी ओर, बहरमपुर में माकपा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गयी. पुलिस के अनुसार, मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर और कुछ अन्य जगहों पर माकपा और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गयी.
झड़प के दौरान माकपा के पूर्व सांसद मोइनुल हसन समेत पार्टी के 15 लोग घायल हो गये. पुलिस ने बताया कि इस संबंध में माकपा के छह कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है.माकपा ने आरोप लगाया कि यहां टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया जिसमें उसके 15 कार्यकर्ता घायल हो गये.
माकपा जिला सचिवालय के सदस्य सच्चिदानंद कंडारी ने आरोप लगाया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हड़ताल के समर्थकों पर ईंटों और लाठियों से हमला किया जिसमें पूर्व सांसद मोइनुल हसन समेत पार्टी के 15 लोग घायल हो गये. आरोपों को खारिज करते हुए वरिष्ठ टीएमसी नेता मन्नान हुसैन ने कहा कि जब माकपा कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया तब वे पार्टी के ट्रेड यूनियन कार्यालय में बैठे हुए थे.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि माकपा कार्यकर्ताओं ने उनकी कार को क्षतिग्रस्त कर दिया.दूसरी ओर, सिलीगुड़ी में हड़ताल के समर्थन में जुलूस निकालते माकपा के नेता व सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
मुर्शिदाबाद के हरिहरपाड़ा में तृणमूल कांग्रेस के हमले में माकपा विधायक धीरेन बागदी को चोटें आयी हैं. माकपा विधायक इनसार अली के भी घायल होने की खबर है. बीरभूम के सैंथिया में तृणमूल व माकपा समर्थकों के बीच संघर्ष व बमबाजी की घटना घटी.
ये हैं मुख्य मांगें
श्रम कानूनों में श्रमिक व कर्मचारी विरोधी बदलाव वापस हो
सरकारी उपक्रमों का विनिवेश और निजीकरण बंद हो.
न्यूनतम मजदूरी 15,000 प्रति माह की जाये.
कामगार रखने के लिए ठेका प्रणाली खत्म की जाये़
अगले वर्ष जनवरी से 7 वां वेतन आयोग .
महंगाई पर काबू पाने के लिए तत्काल उपाय.
सड़क परिवहन व सुरक्षा विधेयक को अपने मूल रूप में रखा जाये़
बेरोजगारी पर अंकुश लगे, ठेका प्रथा बंद हो
कामगारों का पेंशन बढ़े, बोनस व भविष्य निधि पर सीमा समाप्त हो
45 दिनों के भीतर ट्रेड यूनियनों का अनिवार्य पंजीकरण
हड़ताल का देशभर में असर हुआ है. कई इलाकों में बीएमएस के लोग भी हडताल में शामिल हुए हैं. हड़ताल से पता चलता है कि लोग सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति से कितना अधिक क्षुब्ध हैं.
गुरदास दासगुप्ता, महासचिव, आॅल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस
कौन-कौन शामिल : सीटू, एक्टू, एआइसीसीटीयू, एचएमएस, एआइसीटीयूसी, इंटक, यूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एलपीएफ
बंगाल में हड़ताल का कोई खास असर नहीं रहा. जनजीवन सामान्य रहा. वाम मोरचा का अस्तित्व अब खत्म हो चुका है. बंद किसी समस्या का समाधान नहीं है. बंद की संस्कृति खत्म होनी चाहिए.
-ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री