विरोध प्रदर्शन: वाम नेताओं ने पालन किया प्रतिवाद दिवस

कोलकाता: केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से विगत बुधवार को बुलाये जाने वाले एकदिवसीय हड़ताल के दौरान वामपंथी कार्यकर्ताओं पर हुए हमले और उनकी गिरफ्तारी के विरोध में गुरुवार को पूरे राज्य में 17 वामपंथी दलों ने प्रतिवाद दिवस का पालन किया. महानगर समेत विभिन्न जिलों में विरोध रैली व सभा की गयी. गुरुवार की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2015 7:04 AM
कोलकाता: केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से विगत बुधवार को बुलाये जाने वाले एकदिवसीय हड़ताल के दौरान वामपंथी कार्यकर्ताओं पर हुए हमले और उनकी गिरफ्तारी के विरोध में गुरुवार को पूरे राज्य में 17 वामपंथी दलों ने प्रतिवाद दिवस का पालन किया. महानगर समेत विभिन्न जिलों में विरोध रैली व सभा की गयी. गुरुवार की शाम करीब पांच बजे महानगर के राजा सुबोध मल्लिक स्क्वायर से वामपंथी दलों की रैली निकाली गयी जो महानगर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए इंटाली मार्केट के निकट समाप्त हुई.
रैली का नेतृत्व राज्य में वाममोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने किया जबकि इस मौके पर राज्य में माकपा के सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा, यूटीयूसी के अशोक घोष, फारवर्ड ब्लॉक के जीवन प्रकाश साहा, देवव्रत राय समेत अन्य वामपंथी नेताओं ने भी हिस्सा लिया. इधर रैली में डीवाइएफआइ के इंद्रजीत घोष, युवा लीग के श्रीकांत सोनकर समेत अन्य युवा नेता व कार्यकर्ता भी शामिल हुए. इंटाली मार्केट के निकट पथसभा भी आयोजित की गयी जहां विमान बसु ने हड़ताल के दौरान वामपंथी कार्यकर्ताओं पर हुए हमले की घटना की कड़ी निंदा करते हुए तृणमूल सरकार और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार राज्यवासियों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करना चाहती है.

अपनी मांगों के लिए आंदोलन करने का अधिकार सबको है. हमले और बाधाओं के बावजूद लोगों ने राज्य में हड़ताल को सफल बनाया और सरकार के तानाशाही रवैये का जवाब भी दिया. आरोप के मुताबिक तृणमूल सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रही है.

टास्कफोर्स गठित किये जाते हैं लेकिन इनका क्या काम है, यह नहीं समझ में आता. इधर राज्य में किसानों और श्रमिकों की दशा बिगड़ती जा रही है. विगत तीन-चार वर्षों में कई किसानों ने आत्महत्या कर लिया. कल-कारखानों के बंद होने से श्रमिक बेरोजगार हो रहे हैं. युवाओं के रोजगार पर संकट बना हुआ है. इसके बावजूद इन मुद्दों का विरोध करने पर लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश की जाती है. इधर डाॅ सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि श्रमिक, किसान व लोगों के हित के लिए वामपंथियों का आंदोलन नहीं थमेगा. आगामी नौ सितंबर को विद्युत दर में वृद्धि के खिलाफ वामपंथी आंदोलनरत होंगे. आंदोलन के दौरान यदि वामपंथियों पर हमला हुआ तो वे फिर इसका प्रतिवाद करेंगे. प्रतिवाद के दौरान हमला हुआ तो विरोध जारी रहेगा.

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