72 घंटे टैक्सी हड़ताल की धमकी

मोरचाबंदी. राज्य सरकार के खिलाफ एकजुट हुए एटक, सीटू व बीटीए कोलकाता. राज्य सरकार की नीति के खिलाफ टैक्सी व वेटिंग शुल्क बढ़ाने, पुलिस ज्यादती, मोटर व्हिकल्स में भ्रष्टाचार, ओला, उबर, मेरु सहित निजी टैक्सियों के किराया निर्धारण व नीति निर्धारण के खिलाफ टैक्सी श्रमिकों व मालिकों के संगठन एकजुट हो गये हैं. एटक समर्थित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2015 6:43 AM
मोरचाबंदी. राज्य सरकार के खिलाफ एकजुट हुए एटक, सीटू व बीटीए
कोलकाता. राज्य सरकार की नीति के खिलाफ टैक्सी व वेटिंग शुल्क बढ़ाने, पुलिस ज्यादती, मोटर व्हिकल्स में भ्रष्टाचार, ओला, उबर, मेरु सहित निजी टैक्सियों के किराया निर्धारण व नीति निर्धारण के खिलाफ टैक्सी श्रमिकों व मालिकों के संगठन एकजुट हो गये हैं.
एटक समर्थित कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन व वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स कोआर्डिनेशन कमेटी, सीटू व बंगाल टैक्सी एसोसिएशन (बीटीए) ने संयुक्त रूप से 72 घंटे तक टैक्सी हड़ताल की धमकी दी है. राज्य सरकार को 24 सितंबर तक अल्टीमेटम दिया गया है.
यदि इस बीच राज्य सरकार टैक्सी संगठनों से कोई बातचीत नहीं करती है, तो संगठनों की ओर से 30 सितंबर को परिवहन भवन अभियान के दिन 48-72 घंटे तक टैक्सी हड़ताल के िदन का एलान होगा. शुक्रवार को एटक कार्यालय में एटक के वरिष्ठ परिवहन श्रमिक नेता व कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव व वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स कोअार्डिनेशन कमेटी के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव, सीटू के नेता व पूर्व श्रम मंत्री अनादि साहू व बीटीए के महासचिव विमल गुहा ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की.
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि उन लोगों ने परिवहन सचिव से लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र देकर बातचीत की अपील की है, लेकिन सरकार परिवहन श्रमिकों की तकलीफों व मांगों को लेकर चुप है. बातचीत नहीं करना चाहती है. निजी टैक्सियों को बिना सोच विचार के पंजीकरण किया जा रहा है. किराया को लेकर भी कोई नियंत्रण नहीं है और न ही कोई नीति है.
ऐसे में वर्षों से चल रहे टैक्सी उद्योग का भविष्य खतरे में हैं. उन लोगों के पास आंदोलन के सिवा कोई विकल्प नही हैं. पूर्व मंत्री व सीटू नेता अनादि साहू ने कहा कि 10 माह पहले उन लोगों ने एकजुट होकर आंदोलन किया था. राज्य सरकार ने उन लोगों की मांगों को मानने का आश्वासन दिया था, लेकिन न तो उन लोगों पर किये गये मामले वापस लिये गये, न किराया ही बढ़ाया गया, वरन लगातार निजी टैक्सियों उबर, मेरु व ओला का रिजस्ट्रेशन किया जा रहा है.
वे लोग तकनीकी के इस्तेमाल के खिलाफ नहीं है, लेकिन पंजीकरण करने की कोई नीति होनी चाहिए. बीटीए के महासचिव विमल गुहा ने कहा कि मोटर व्हिकल्स विभाग में भ्रष्टाचार चल रहा है. किराया नहीं बढ़ाया गया है. 50 हजार टैक्सियों के लिए एक पार्किंग बनायी गयी है.
टैक्सी ड्राइवरों को लाइसेंस देने के लिए ऑनलाइन परीक्षा ली जा रही है. इससे वास्तव में टैक्सी ड्राइवरों को लाइसेंस नहीं मिल रहा है. ऐसे में उन लोगों के पास आंदोलन के सिवा कोई विकल्प नही होगा. सीटू नेता प्रमोद झा ने कहा कि 30 सितंबर को परिवहन भवन अभियान के दौरान पूरा कोलकाता अचल हो जायेगा. इस अवसर पर एटक के नेता मुकेश तिवारी, अरूप मंडल, अवनीश शर्मा व अन्य उपस्थित थे.

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