जीएसटी पर सहमति बनी, तो समय से पहले बुला सकते हैं शीतकालीन सत्र

कोलकाता. संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू ने शनिवार को महानगर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अगर राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनती है तो सरकार जीएसटी विधेयक संसद में पारित कराने के लिए शीत कालीन सत्र को पहले बुला सकती है. श्री नायडू ने यहां स्मार्ट सिटी पर आयोजित कार्यशाला के दौरान संवाददाताओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2015 10:01 AM
कोलकाता. संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू ने शनिवार को महानगर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अगर राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनती है तो सरकार जीएसटी विधेयक संसद में पारित कराने के लिए शीत कालीन सत्र को पहले बुला सकती है. श्री नायडू ने यहां स्मार्ट सिटी पर आयोजित कार्यशाला के दौरान संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि अगर सहमति बनती है तो सरकार जीएसटी विधेयक पारित कराने के लिए संसद का शीत सत्र पहले आयोजित कर सकती है.
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल कोयला विधेयक और खनन विधेयक के खिलाफ भी थे, लेकिन जब हमने उन्हें वार्ता में शामिल किया तो उन्होंने विधेयकों का समर्थन किया. जीएसटी विधेयक का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसे लोकसभा में पारित किया गया, लेकिन विधेयक राज्यसभा में फंस गया और विपक्ष चाहता था कि इसे प्रवर समिति के पास भेजा जाये, जिस पर सरकार सहमत हो गई. उन्होंने कहा कि अब प्रवर समिति का काम पूरा हो गया है और रिपोर्ट राज्यसभा को सौंप दी गयी है. कांग्रेस अब बेतुके तर्क दे रही है.
श्री नायडू ने कहा कि अगर अब भी कांग्रेस को कोई दिक्कत है तो वे इसे संसद में उठा सकते हैं. वास्तव में इससे भारत की प्रगति प्रभावित हो रही है. विधेयक को मूलत: संप्रग के शासन काल में संसद में पेश किया गया था.
शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री नायडू ने कहा कि लोकतंत्र में उन्हें विरोध करने का अधिकार है. उन्हें साथ ही संसद का कामकाज भी चलने देना चाहिए. यह पूछने पर कि सर्वसम्मति कैसे बनेगी तो नायडू ने कहा कि उन्होंने और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मामले में आनंद शर्मा जैसे कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं से बात की है. उनसे बात करने के बाद लगता है कि राजनीतिक दलों के बीच सहमति बन सकती है. उन्होंने कहा कि जीएसटी पर तृणमूल कांग्रेस हमारा समर्थन कर रही है. लेकिन वे भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनकी कुछ आपत्तियां हैं. विधेयक को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा गया है. नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्रियों से मुलाकात के दौरान मांग की गई थी कि भूमि विधेयक का मुद्दा राज्यों के पास भेजा जाये. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को अब प्रधानमंत्री देख रहे हैं. श्री नायडू ने कहा, अगर जीएसटी विधेयक पास किया जाता है तो सरकार राज्य सरकारों से मंंजूरी लिये जाने की प्रक्रिया भी तेज करेगी.

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