नयी कर प्रणाली : यूनिट एरिया असेसमेंट कोलकाता में अप्रैल 2016 से होगी लागू

कोलकाता: आखिरकार कोलकाता नगर निगम ने नयी कर प्रणाली यूनिट एरिया असेसमेंट को चालू करने का फैसला कर ही लिया. इस संबंध में विधानसभा में काफी पहले ही कानून बन चुका है. बुधवार को मेयर परिषद की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लग गयी. बैठक की समाप्ति के बाद मेयर शोभन चटर्जी ने बताया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2015 6:58 AM
कोलकाता: आखिरकार कोलकाता नगर निगम ने नयी कर प्रणाली यूनिट एरिया असेसमेंट को चालू करने का फैसला कर ही लिया. इस संबंध में विधानसभा में काफी पहले ही कानून बन चुका है. बुधवार को मेयर परिषद की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लग गयी. बैठक की समाप्ति के बाद मेयर शोभन चटर्जी ने बताया कि एक अप्रैल 2016 से यूनिट एरिया असेसमेंट व्यवस्था चालू हो जायेगी. संपत्ति मालिकों को राहत पहुंचाने व बदहाल आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए यह फैसला किया गया है.

इस बीच जो समय बचा है, उस दौरान निगम प्रशासन यूनिट एरिया असेसमेंट व्यवस्था को लागू करने के लिए इलाकों का परिसिमन का काम पूरा कर लेगा. यह भी फैसला लिया गया है कि जो शहरवासी यूनिट एरिया असेसमेंट के बजाय पुरानी कर व्यवस्था के तहत अपने टैक्स का भुगतान करना चाहते हैं, वे पुरानी कर व्यवस्था के तहत ही अपनी संपत्ति कर की अदायगी कर सकते हैं. यानी यह लोगों की मर्जी पर निर्भर करेगा कि वे यूनिट एरिया असेसमेंट या पुरानी कर व्यवस्था में से किसी भी सिस्टम के तहत अपने टैक्स का भुगतान कर सकते हैं.

शोभन चटर्जी जब पहली बार मेयर बने थे, उसी समय उन्होंने यूनिट एरिया असेसमेंट व्यवस्था चालू करने की बात कही थी. राज्य सरकार ने इस विषय में कानून भी पारित कर दिया था, लेकिन इसकी जटिलता के कारण स्वयं तृणमूल पार्षदों ने ही इसका विरोध करना शुरू कर दिया था. अपने ही पार्षदों के विरोध को देखते हुए तृणमूल बोर्ड ने इस कर प्रणाली को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. लेकिन अब लगता है कि यूनिट एरिया असेसमेंट दिन का सूरज देखनेवाला है.

नयी कर प्रणाली में क्या
नयी कर प्रणाली के तहत महानगर के 187 वर्ग किलोमीटर इलाके को 262 ब्लॉक में बांट कर उन्हें ए-जी तक सात टैक्स जोन के तहत लाया गया था. इसके तहत इलाके के आधार पर टैक्स का निर्धारण किया जायेगा. ए जोन में शहर के नामचीन व पॉश इलाकों को शामिल किया गया. इस जोन में स्थित संपत्तियों पर अधिक टैक्स लगेगा, उसी के अनुसार अन्य जोन में टैक्स कम होता जायेगा. मुख्य सड़क पर स्थित इमारत व गली के अंदर की इमारत के टैक्स की दर अलग हाेगी.

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