जोरदार होगा मदरसा शिक्षकों का आंदोलन
कोलकाता. राज्य सरकार के बार-बार वादा खिलाफी से आहत मदरसा शिक्षक अब सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई के लिए तैयार हो रहे हैं. अन-एडेड मदरसा बचाआे कमेटी ने बकरीद के बाद जोरदार आंदोलन चलाने की चेतावनी दी है. एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान संगठन के सचिव अब्दुल वहाब मोल्ला ने कहा कि पिछले दिनों […]
कोलकाता. राज्य सरकार के बार-बार वादा खिलाफी से आहत मदरसा शिक्षक अब सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई के लिए तैयार हो रहे हैं.
अन-एडेड मदरसा बचाआे कमेटी ने बकरीद के बाद जोरदार आंदोलन चलाने की चेतावनी दी है. एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान संगठन के सचिव अब्दुल वहाब मोल्ला ने कहा कि पिछले दिनों जब हम लोग अनिश्चिकालिन भुख हड़ताल पर बैठे थे, तब शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया था, पर दो दिन पहले नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकार द्वारा मंजूरी प्राप्त 234 मदरसों को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता देने से साफ इंकार कर दिया. ऐसा पहली भी कई बार हो चुका है.
अब हम लोग बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं. अब आरपार की लड़ाई होगी. बकरीद के बाद हम लोग राज्य के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन करेंगे, उसके बाद गांधी मूर्ति अथवा वाई चैनल में अनिश्चतकाल के लिए भुख हड़ताल किया जायेगा. उस दौरान हम लोग मुख्यमंत्री के निवास स्थान काली घाट आैर नवान्न अभियान भी करेंगे.
मौके पर मौजूद पूर्व आइपीएस अधिकारी डाॅ नजरुल इसलाम ने कहा कि संविधान ने देश के अल्पसंख्यकों को अपना शिक्षण संस्थान शुरू करने का अधिकार दिया है. मुख्यमंत्री ने स्वयं दस हजार मदरसों को मंजूरी देने का एलान किया था, पर ऐसा नहीं कर उन्होंने केवल 234 मदरसों को ही मंजूरी दी, पर मंजूरी के अलावा इन मदरसों को कुछ भी नहीं दिया गया. तीन वर्ष से इन मदरसों को किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं दी गयी है. इन मदरसों के शिक्षकों व अशिक्षा कर्मियों की हालत बेहद बदतर है. इन मदरसों को आर्थिक अनुदान नहीं दे कर मुख्यमंत्री एवं उनके मंत्री संविधान का उल्लंघन कर रहे है. इस हालत में इन्हें अपने पद पर रहने का बिल्कुल भी नैतिक अधिकार नहीं है.