जानकारी के अनुसार, मयना के कुड़पाई और आसपास के इलाकों में अवैध शराब बनाने की कई भट्टियां हैं. यहीं से जिले के ज्यादातर इलाकों में अवैध शराब की आपूर्ति होती है. शनिवार रात को इन भट्टियों की शराब पीकर मयना के कियानाड़ा, आड़तकियानाड़ा और नरकेलदा में 60-70 लोग बीमार हो गये. इनमें से एक की बीती रात ही मौत हो गयी थी. अगले दिन यानी रविवार को दिन चढ़ने के साथ मृतकों की तादाद बढ़ने लगी. रात तक यह आठ तक पहुंच गयी. मृतकों में नारकेलदा गांव के माधव सामंत, रवींद्र सामंत, योगेश जाना और श्यामापद भौमिक हैं. कियानाड़ा गांव के गुनधर कर, दीपक सिंह व मानिक ढल की मौत हुई है. सूत्रों के मुताबिक, मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है. इलाके के लोगों का आरोप है कि अवैध शराब की भट्टियों को बंद करने के लिए कई बार प्रशासन से अनुरोध किया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने सही समय पर कदम उठाया होता तो इतनी जानें नहीं जातीं. हालांकि मयना ब्लॉक प्रशासन सूत्रों के मुताबिक इन भट्टियों को बंद करने के लिए कई बार आबकारी विभाग तथा पुलिस ने अभियान चलाया. कुछ दिन तक बंद रहने के बाद यह फिर से शुरू हो जाती थीं.
पूर्व मेदिनीपुर की डीएम अंतरा आचार्य ने बताया कि जहरीली शराब से मौत की घटना के बाद सभी जरूरी कदम उठाये गये हैं. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. स्थानीय पंचायत व ब्लॉक स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों को जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया गया है. बीमार लोगों की चिकित्सा में कोई त्रुटि न रहे इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों को विशेष तौर पर कहा गया है. अंतरा आचार्य ने यह भी बताया कि भट्टियां चलाने वाले कारोबारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जायेगा.