नेताजी प्रकरण: अब आजादी के बाद के कैबिनेट के दस्तावेज होंगे सार्वजनिक

कोलकाता. स्वतंत्रता के पहले वर्ष 1937-47 तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस व 1938-47 तक कैबिनेट के फैसलों को सार्वजनिक करने के बाद राज्य सरकार आजादी के बाद के फैसलों को भी सार्वजनिक करना चाहती है. वर्ष 1947 में आजादी मिलने के बाद से राज्य में प्रथम सरकार के कार्य सहित पहले 10 वर्षों के कार्यकाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2015 8:16 AM
कोलकाता. स्वतंत्रता के पहले वर्ष 1937-47 तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस व 1938-47 तक कैबिनेट के फैसलों को सार्वजनिक करने के बाद राज्य सरकार आजादी के बाद के फैसलों को भी सार्वजनिक करना चाहती है. वर्ष 1947 में आजादी मिलने के बाद से राज्य में प्रथम सरकार के कार्य सहित पहले 10 वर्षों के कार्यकाल के दौरान राज्य सरकार द्वारा लिये गये फैसलों को भी सार्वजनिक किया जायेगा.

यह जानकारी सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नवान्न भवन में दी. उन्होंने बताया कि इन फाइलों का भी डिजिटलीकरण करने की प्रक्रिया चल रही है और जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, इसे सार्वजनिक कर दिया जायेगा. इन फाइलों को प्रकाशित हाेने से नेताजी के संबंध में पूरी सच्चाई बाहर आ सकती है, क्योंकि आजादी के पहले की फाइलों में नेताजी की मृत्यु की पुष्टि नहीं हुई है, कई जगहों पर ऐसे भी आलेख व रिपोर्ट मिले हैं, जिसमें नेताजी की मृत्यु का समय 1953 के आसपास बताया गया है. ऐसे में इन फाइलों से सामने आने से कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं.

नवान्न में मुख्यमंत्री ने 401 फाइलों को सार्वजनिक किया
कोलकाता. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने नेताजी और उनसे जुड़े मामलों के वर्ष 1938-1947 के बीच के कैबिनेट के दस्तोवज भी सार्वजनिक कर दिये. सोमवार को नवान्न भवन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन फाइलों को सार्वजनिक किया. गाैरतलब है कि मुख्यमंत्री द्वारा आज सार्वजनिक किये गये कैबिनेट की 401 फाइलों में नेताजी के साथ-साथ आजादी के पहले ब्रिटिश सरकार द्वारा लिये गये अहम फैसलों की जानकारी भी लोगों को मिल जायेगी. क्योंकि 1938-47 के दौरान स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई चरम पर थी और इस दौरान कई स्वतंत्रता सेनानियाें के खिलाफ ब्रिटिश सरकार ने अहम फैसले लिये थे.
राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि यह दस्तावेज आजादी-पूर्व भारत के लिए गोपनीय रहे होंगे, लेकिन वर्तमान में इन्हें सार्वजनिक करने की जरुरत है. इसलिए हमने उन्हें सार्वजनिक किया. ममता ने उस दौरान हुई कैबिनेट की 401 बैठकों के दस्तावेजों की सूचनाओं वाली एक सीडी भी जारी की. इस अवधि में ‘भारत छोड़ो आंदोलन ‘, बंगाल का अकाल और बंगाल विभाजन जैसी घटनाएं हुई थीं. प्रदेश सरकार ने इसी महीने नेताजी से जुड़ी 64 फाइलें सार्वजनिक की थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये दस्तावेज राज्य अभिलेखागार, राज्य सूचना केंद्र और राज्य केंद्रीय पुस्तकालय में जनता, अनुसंधानकर्ताओं, इतिहास लेखकों और छात्रों के लिए उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि इन फाइलों के डिजिटलाइजेशन का काम 2013 में शुरु हुआ था.

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