विश्व हिंदू परिषद ने किया आगाह, खतरे में बंगाल

कोलकाता : विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र कुमार जैन ने हरियाणा भवन में पत्रकारों से कहा कि जनसंख्या केवल आंकड़े नहीं, बल्कि देश की पहचान होती है. 2011 की जनगणना रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि भारत की मौलिक पहचान खतरे में है. यूनान, मिश्र, रोम, मेसोपोटेमियां, मलयेशिया और इंडोनेशिया जैसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2015 7:17 AM
कोलकाता : विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र कुमार जैन ने हरियाणा भवन में पत्रकारों से कहा कि जनसंख्या केवल आंकड़े नहीं, बल्कि देश की पहचान होती है. 2011 की जनगणना रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि भारत की मौलिक पहचान खतरे में है.
यूनान, मिश्र, रोम, मेसोपोटेमियां, मलयेशिया और इंडोनेशिया जैसी समृद्ध संस्कृतियां जनसंख्या असंतुलन के कारण ही समाप्त हुई हैं. कश्मीर घाटी, असम के नौ जिले, बिहार-बंगाल के तीन जिले, केरल और हरियाणा के एक-एक जिले में मुसलिम समाज बहुसंख्यक है. श्री जैन ने आरोप लगाया कि इन स्थानों पर प्रशासन पंगु बन गया है. बंगाल पर इस असंतुलन का काफी भीषण प्रभाव पड़ा है. यहां मुसलिम समाज की आबादी 25 फीसदी से बढ़ कर 27 फीसदी हो गयी है. तीन जिले मुसलिम बहुल बन गये हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि यहां हिंदुओं का जीवन कठिन हो गया है. समूचा राज्य ही मुसलिम वोटों के इर्द-गिर्द घूम रहा है. बंगाल एक ज्वालामुखी के मुहाने पर बैठा है. तथाकथित सेक्यूलर दल इस आग को भड़का रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद सभी राजनीतिक दलों से अपील करती है, कि वे अपना स्वार्थ छोड़ कर ‘सोनार बांग्ला’ बनायें. एक करोड़ से अधिक घुसपैठिये बंगाल में हो गये हैं. उन्हें बाहर निकालना होगा.

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