रेलवे की धड़कन है आरपीएफ : त्रिवेदी
कोलकाता. रेलवे और उसके यात्रियों की सुरक्षा रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेल पुलिस करती है, लेकिन जहां तक भारतीय रेलवे और उसके यात्रियों की लांगटर्म सुरक्षा की बात है, उसमें रेलवे सुरक्षा बल का कोई विकल्प नहीं है. उक्त बातें पूर्व रेल मंत्री और रेलवे स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन दिनेश त्रिवेदी ने कहीं. मंगलवार […]
कोलकाता. रेलवे और उसके यात्रियों की सुरक्षा रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेल पुलिस करती है, लेकिन जहां तक भारतीय रेलवे और उसके यात्रियों की लांगटर्म सुरक्षा की बात है, उसमें रेलवे सुरक्षा बल का कोई विकल्प नहीं है.
उक्त बातें पूर्व रेल मंत्री और रेलवे स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन दिनेश त्रिवेदी ने कहीं. मंगलवार को रेलवे इंस्टीट्यूट में पूर्व रेलवे अखिल भारतीय रेलवे सुरक्षा बल संघ के 17वें वार्षिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि श्री त्रिवेदी ने कहा कि आरपीएफ, रेल रूपी शरीर की धड़कन है, जिस दिन यह धड़कन काम करना बंद कर देगा शरीर (रेल) खुद-ब-खुद धड़कना बंद कर देगी. रेलवे की संपूर्ण सुरक्षा का दायित्व आरपीएफ को देने की वकालत करते हुए पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे की सुरक्षा को लेकर आरपीएफ काफी सजग रही है.
पर, जब तक किसी एक एजेंसी को रेलवे की सुरक्षा का पूर्ण दायित्व नहीं दे दिया जाता, तब-तक रेलवे को पूर्ण रूप से अराध मुक्त करना मुश्किल है. रेलवे में किसी प्रकार का हादसा होने पर उसकी जबाबदेही रेलवे पर ही होती है और मुआवजा भी रेलवे को ही देना पड़ता है, ऐसे में ट्रेनों और रेलवे एरिया में हुए सभी अपराधों की रोकथाम के लिए जांच-पड़ताल का अधिकार भी आरपीएफ को देना ही लाजिमी होगा. अकसर देखा जाता है कि ट्रेनों में हुए अपराध के लिए एक यात्री को मात्र एफआइआर दर्ज कराने के लिए घंटों परेशान होना पड़ता है. परेशान यात्री कई बार एफआइआर दर्ज कराये बिना घर लौट जाते हैं.