ग्रामीण अचंलों में डॉक्टरों की भारी कमी : फोरम

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के ग्रामीण अंचलों के अस्पतालाें में चार हजार मेडिकल ऑफिसर व 90 प्रतिशत स्पेशलिस्ट डाॅक्टराें के पोस्ट खाली हैं. हर साल दो हजार से ज्याद एमबीबीएस डाॅक्टर परीक्षा पास कर रहें हैं, अगर उन्हें इन पदाें पर भर्ती किया जाता, तो यहां के अस्पतालाें डाॅक्टरों की कमी नहीं होती. इस बात की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2015 7:28 AM

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के ग्रामीण अंचलों के अस्पतालाें में चार हजार मेडिकल ऑफिसर व 90 प्रतिशत स्पेशलिस्ट डाॅक्टराें के पोस्ट खाली हैं. हर साल दो हजार से ज्याद एमबीबीएस डाॅक्टर परीक्षा पास कर रहें हैं, अगर उन्हें इन पदाें पर भर्ती किया जाता, तो यहां के अस्पतालाें डाॅक्टरों की कमी नहीं होती. इस बात की जानकारी फाॅरम के सचिव डाक्टर बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में दी. उन्हाेंने बताया कि राज्य कमेटी के सर्विस डॉक्टर फोरम की ओर से नाराज सरकारी डाॅक्टर अपनी मांगाें को लेकर शनिवार को सम्मेलन करने जा रहे हैं.

यह सम्मेलन कोलकाता मेडिकल कालेज के रेडियोथैरेपी विभाग के प्रागंण में होगा. उन्होंने बताया कि सम्मेलन में फोरम की ओर से राज्य सरकार के समक्ष स्वैच्छिक सेवा निवृति अधिकार का अलोकतांत्रिक ढ‍ग से रद्द किया जाये, किसी विकल्प का प्रावधान किये बिना सेवा निवृित आयु बढ़ाना और स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत संरचना और जनशक्ति की कमी को पूरा किया जाये व टीआर नियम 2015 में आयीं विसंगतियाें को दूर करने जैसी चार सूत्री मांगों को रखेगी. सचिव प्रदीप बनर्जी ने बताया कि राज्य में व केंद्र सरकार द्वारा कुछ वर्षों से सरकारी डाॅक्टरों के नियमों में काफी बदलाव किया गया, जिससे उन्हें काफी परेशानियाें का सामना करना पड़ रहा है. उन्हाेंने बताया कि चिकित्सकों की कमी और आधारभूत संरचना के भारी अभाव में काम रहे डाॅक्टराें पर दबाव बढ़ता जा रहा है. डाॅक्टर और मरीजाें के संबंध खराब हो रहें हैं.

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विगत वर्ष मानवता के आधार पर डाॅक्टराें के स्वेच्छिक सेवानिवृत नियमों में भी बदलाव किया गया. इसे तत्काल बदला जाये. उन्हाेंने बताया कि टीआर नियमाें में आयीं विसंगतियाें को शीघ्र दूर किया जाये. इस वजह से काम कर रहे डाॅक्टरों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में बाधा अ रही है. अगर सरकार हमारी इन बातों पर शीघ्र कोई कदम नहीं उठाती, तो सर्विस डाॅक्टर्स फोरम की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपनी मांगाें के मद में ज्ञापन सौंपा जायेगा. साथ ही आंदोलन और तेज किया जायेगा.

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