कोलकाता/नयी दिल्ली. नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित गोपनीय फाइलों को केंद्र सरकार अगले साल 23 जनवरी (नेताजी की जयंती) से सार्वजनिक करना शुरू करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी के परिजनों से मुलाकात के बाद यह घोषणा की.
बुधवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के 35 सदस्यों ने प्रधानमंत्री से उनके नयी दिल्ली िस्थत आवास पर मुलाकात की. उन्होंने नेताजी के रहस्य से परदा हटाने के लिए उनसे जुड़ी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग की. नेताजी के परिजन चंद्र कुमार बोस ने कहा कि उनका मुख्य ध्येय भारत सरकार के पास रखीं गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक कराना है. जब तक हम देश की गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक नहीं करते तब तक अन्य देशों से ऐसा करने का अनुरोध कैसे कर सकते हैं. बाद में प्रधानमंत्री ने ट्वीटर पर बताया कि अगले वर्ष 23 जनवरी
से नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने की प्रक्रिया शुरू होगी. केंद्र सरकार की ओर से विदेश की सरकारों से भी उनके पास उपलब्ध नेताजी से संबंधित गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने का अनुरोध किया जायेगा. ऐसा पहला अनुरोध रूस से दिसंबर महीने में किया जायेगा. गौरतलब है िक 20 सितंबर को प्रधानमंत्री ने रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में नेताजी के करीब 50 परिजनों से मिलने की बात बतायी थी. पिछले महीने ही पश्चिम बंगाल सरकार ने ऐसी 64 फाइलों को सार्वजनिक किया था.
इतिहास दबाने की जरूत नहीं
:बाद में पीएम मोदी ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी और कहा कि इतिहास को दबाने की कोई जरूरत नहीं है. जो देश अपने इतिहास को भुला देते हैं, उनमें इतिहास बनाने की क्षमता नहीं रह जाती. सरकारी आवास 7, रेसकोर्स रोड पर नेताजी के परिवार का स्वागत करना सम्मान की बात है. उन्होंने अपने कीमती सुझाव मुझसे साझा किये.