पैतृक आवास पहुंचे राष्ट्रपति ने कहा, सहिष्णुता व असहमति की स्वीकार्यता गायब हो रही!

बीरभूम. दादरी कांड की पृष्ठभूमि में एकता और विविधता का संदेश देनेवाले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक बार फिर देशवासियों को भाइचारे और विविधता में एकता जैसे सामाजिक मूल्यों की याद दिलायी. उन्होंने सवाल किया कि क्या सहिष्णुता व असहमति की स्वीकार्यता गायब हो रही है. मानवतावाद व बहुलवाद को नहीं छोड़ना चाहिए. आशा है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2015 1:52 AM

बीरभूम. दादरी कांड की पृष्ठभूमि में एकता और विविधता का संदेश देनेवाले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक बार फिर देशवासियों को भाइचारे और विविधता में एकता जैसे सामाजिक मूल्यों की याद दिलायी. उन्होंने सवाल किया कि क्या सहिष्णुता व असहमति की स्वीकार्यता गायब हो रही है.

मानवतावाद व बहुलवाद को नहीं छोड़ना चाहिए. आशा है कि विभाजनकारी तत्वों का उन्मूलन होगा. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में मुखर्जी ने कहा, भारत हमेशा से विविधता व सहिष्णुता के लिए जाना जाता रहा है. अगर ऐसा नहीं होता, तो भारतीय सभ्यता 5,000 सालों का सफर तय नहीं कर पाती. बुरी ताकतों से सामूहिक शक्ति से लड़ने की जरूरत है. आशा है सकारात्मक ताकतों की प्रतीक ‘महामाया’ असुरों व बुरी ताकतों का नाश करेगी. राष्ट्रपति बीरभूम जिला के किरणहार स्थित अपने पैतृक आवास पर आयोजित दुर्गापूजा समारोह में सम्मिलित होने के लिए चार दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे हैं.

कोलकाता के एनएससी बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद राष्ट्रपति किरणहार के लिए हेलीकॉप्टर से रवाना हो गये. हवाई अड्डे पर राज्यपाल केएन त्रिपाठी और शहरी विकास मंत्री िफरहाद हकीम ने राष्ट्रपति का स्वागत किया. राष्ट्रपति 22 अक्तूबर को दिल्ली लौटेंगे.

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