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By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2015 7:39 PM

कोख को बेटियों की कब्रगाह न बनायें : वंदना बजाज झंवरमदर लेट मी लिव के जरिए बेटियों को बचाने का अभिनव प्रयासफोटो है कोलकाता. वर्तमान में बेटियों को बचाने की मुहिम में तरह-तरह से प्रचार-प्रसार हो रहा है. इसी क्रम में इस बार शारदीय नवरात्र के पहले ही दिन से और विशेष कर दुर्गा पूजा के चार दिनों षष्ठी से लेकर नवमी-दशमी तक कोलकाता-हावड़ा व आसपास के क्षेत्रों में पूजा मंडपों व पार्कों के आसपास में लोगों के मध्य स्वतंत्र पत्रकार वंदना बजाज झंवर द्वारा लिखित पुस्तक मदर लेट मी लिव का निःशुल्क वितरण किया गया और अब यह प्रयास किया जा रहा है कि आनेवाले सभी पर्व-त्यौहारों पर भी यह क्रम जारी रखा जाये. कोलकाता-हावड़ा के कई धार्मिक-समाजसेवी संगठनों के सहयोग से जन-जागरण के उद्देश्य से मुद्रित एवं वितरित की गयी यह पुस्तक वंदना बजाज झंवर (भोपाल) ने चार साल पहले कन्या भ्रूण हत्या रोकने हेतु समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से लिखी थी. पूज्य दीदी मां साध्वी ऋतंभरा जी की पुस्तक मुझे बचाओ मां पर आधरित मदर लेट मी लिव का विमोचन स्वयं दीदी मां ने ही किया था. इसकी लेखिका वंदना बजाज झंवर ने कहा कि इस पुस्तक के निःशुल्क वितरण के जरिये जो जागरूकता लाने का प्रयास हुआ है, वह सराहनीय है. उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे रूढ़िवादी परंपराओं को त्याग कर कोख को बेटियों की कब्रगाह बनाने से बाज आयें और बेटियों के संरक्षण व उत्थान के लिए आगे आयें. श्रीमती झंवर ने कहा कि मेरे दृष्टिकोण में शक्ति के लिए दुर्गा, ज्ञान के लिए सरस्वती और धन के लिए लक्ष्मी की उपासना करते हैं, लेकिन यह तब तक अर्थहीन है जब तक कि हम न केवल गर्भ में कन्याओं का कत्ल करने से बाज आयें, अपितु जरूरतमंद व आश्रयहीन कन्याओं की शिक्षा-दीक्षा से लेकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने योग्य बनाने के लिए अपना हर संभव प्रयास करें.

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